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  • पता लगाकर कि पहले के पदार्थवाद का एक मुख्य दोष यह था कि उसने प्रत्यक्ष क्रान्तिकारी कार्यवाही की परिस्थितियों और महत्व को न समझा था, मार्क्स ने जीवन भर अपने...
    ६३८ B (२,००७ शब्द) - १२:२१, १६ सितम्बर २०२१
  • है। "इस घोषणा में इस अनावश्यक सीमा के होते हुए भी यह सर्वधा सत्य है कि 'इस घोषणा से एक युग का अन्त और एक नवीन युग का आरम्भ होता है। इस घोषणा के महत्त्वपूर्ण...
    ६४३ B (६,७४७ शब्द) - १४:२१, २३ नवम्बर २०२०
  • विश्व-युद्ध (१९१४) से पूर्व कनाडा की प्रिवी कौसिल ने अपने एक आज्ञा-पत्र में यह घोषणा की कि भारतीयो को कनाडा में प्रवास के लिए प्रविष्ट न होने दिया जायगा।...
    ३३६ B (५,८१४ शब्द) - १४:३०, २३ अगस्त २०२०
  • में समाप्त हुई, जहॉ डा० सन यात-सेन से इनकी भेंट हो गई। तबसे इन्होंने क्रान्तिकारी-दल मे प्रवेश किया तथा को मिन तांग (चीनी प्रमुख राष्ट्रीय संस्था) के सदस्य...
    ३२१ B (३,८५४ शब्द) - ११:००, ५ अगस्त २०२०
  • कभी इसके लिए टोकने भी नहीं दिया। जब उन्होंने अपनी स्वतंत्रता की प्रसिद्ध घोषणा का प्रकाशन किया तब उनके देश में ग़ुलाम की प्रथा अत्यन्त प्रबल थी। अभी सत्तर...
    ५१५ B (८,०८४ शब्द) - ००:३१, २२ नवम्बर २०२०
  • बतूता ने पन्द्रहवीं शताब्दी के मध्य में, मुहम्मद तुगलक के अत्याचारी और क्रान्तिकारी शासन-काल में जब देश के अधिकांश भाग में विप्लव मचा हुआ था, भारतवर्ष की...
    ५०५ B (४,८६४ शब्द) - ०५:१८, २३ नवम्बर २०२०