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पृष्ठ:अंधकारयुगीन भारत.djvu/७१

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( ४५ ) इन सिक्कों में से कुछ के पिछले भाग पर तो साँड़ की मूर्ति है और कुछ पर हाथी की। सामने की ओर राजा के नाम के ऊपर एक छोटे फनवाले नाग का चित्र है। इन सिक्कों के नीचे लिखी विशेषताएँ ध्यान में रखने के योग्य हैं। कठघरे के अंदर पाँच शाखाओं वाला जो वृक्ष है, वह चित्र नं० १०, १२, १५ और १६ पर तथा क्रमांक १३ के सिक्कों पर समान रूप से पाया जाता है। नं० १२, १५ और १६ के सिक्कों का रूप ओर आकार एक समान है। नं० १० का सिक्का आकार में तो कुछ बड़ा है, पर उसका रूप उक्त सिक्कों के समान ही है नं० ११ का सिक्का आकार में तो बहुत छोटा है, पर उसका भी रूप वैसा ही है। इन सिक्कों को देखने से यह निश्चित हो जाता है फि ये सब सिक्के एक ही वर्ग के हैं। और फिर एक बात यह भी है कि इन सभी सिकों पर समय या संवत् दिया हुआ है। क्रमांक १० के सिक्के का चित्र डा. स्मिथ ने नहीं दिया है; पर मैंने उसका ठप्पा बहुत ध्यानपूर्वक देखा है और उसकी सब बातों पर विचार किया है। जिस लेख को डा० स्मिथ ने निश्चयपूर्वक त्रय नागस पढ़ा है, वह स्पष्ट और ठीक है । उस सिक्के के एक ठप्पे का चित्र में यहाँ देता हूँ। फोटो लेने में इसका आकार कुछ छोटा हो गया है। इसका वास्तविक आकार वही है जो डाक्टर १. इस सिक्के और C. I. M., पृ० २०६ के क्रमांक १२ के ठप्पों के लिये मैं इंडियन म्यूजियम के श्रीयुक्त एन० मजुमदार को धन्यवाद देता हूँ । यद्यपि अक्षर त्र मेरे फोटोग्राफ में नहीं पाया है, पर फिर भी वह मेरे ठप्पे पर स्पष्ट रूप से अाया है।