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अतीत-स्मृति
 


चीज़ मानी जाती थी। क्योंकि सज्ञानता की प्रथमावस्था में छोटी छोटी बातें भी आश्चर्य-जनक मालूम होती हैं। घड़ी को आप ही आप खट-खट करते देख अथवा ग्रामोफोन के गाने सुन कर छोटे छोटे बच्चो को थोड़ा आश्चर्य नहीं होता।

[मई १९०८