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बौध्दों के द्वारा अमेरिका का अविष्कार
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में सदा धर्म्म प्रचार करते फिरते थे। पहले वे निकट के द्वीपो में प्रचार करने जाते थे। वहाँ से आगे के अन्य द्वीपो का संवाद पाकर वे वहां भी जाया करते थे। योही धीरे-धीरे आगे बढ़ते बढ़ते वे दूर दूर के द्वीपो और देशो मे पहुँच जाते थे और वहाँ अपने धर्म का प्रचार करते थे। मालूम होता है कि इसी तरह प्रचार करते करते वे अमेरिका पहुँचे थे। अमेरिका का अलास्का प्रदेश चीन के निकट है। बहुत संभव है कि इसी रास्ते बौद्ध लोग वहाँ गये हों। क्योंकि अलास्का से मेक्सिको तक समुद्र के किनारे किनारे जितने प्रदेश है उन सब में बौद्ध धर्म और सभ्यता के चिह्न पाये जाते हैं। यद्यपि इनमे से अधिकांश चिह्न स्पेनिश लोगों ने नष्ट कर दिये हैं, तथापि अभी बहुत कुछ अवशिष्ट है।

यह लिखा जा चुका है कि मेक्सिको के स्थानों और पुरोहितो के नामों में बुद्ध धर्म की मलक पाई जाती है । इसके कुछ उदाहरण भी दिये गये हैं। एकाध और भी सुनिए । मेक्सिको वाले अपने प्रधान पुरोहित को देशाका या शाका पुरुष कहते हैं। यह कहने को आवश्यकता नहीं कि यह शब्द शाक्य का रूपान्तर मात्र है। एक अन्य पुरोहित का नाम कौनर शाका था । यह शब्द गौतम शाक्य का विगड़ा हुआ रूप मालूम होता है।

मेक्सिको मे जितने शिला-लेख, मूर्तियां और मन्दिर आदि मिले है उनमे से अधिकांश बौद्ध धर्म से सम्बन्ध रखते है। बौद्ध-मन्दिर और दीर्घपरिच्छ-धारी बौद्ध पुरोहित मेक्सिको में