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प्राचीन भारत में युद्ध-व्यवस्था
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माल्यवान ने कहा,—मालूम होता है, विष्णु क्षात्रयुद्ध के नियमों से परिचित नहीं। विष्णु ने उत्तर दिया कि राक्षसों के नाश की प्रतिज्ञा देवताओं से कर चुकने के कारण मैं इन्हें मार रहा हूँ।
महाभारत में दुर्योधन की चालबाज़ियों के अतिरिक्त धर्मयुद्ध का अच्छा चित्र खींचा गया है। उसमें यह भी दिखलाया गया है कि मानव-समाज के हार्दिक भाव कैसे होते हैं।
[जनवरी १९१५
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