बात यहूदियों ने अपने ही लिखे हुए इतिहास में स्वीकार की है। इसके और भी अनेक प्रमाण ग्रीस और रोम-विषयक पुस्तकों में पाये जाते हैं। यहूदी राजा दाऊद के पुत्र सालोमन के विश्व-विख्यात मन्दिर के लिए लकड़ी, चूना, पत्थर इत्यादि मसाला हिन्दोस्तान से गया था। थराक्लूश नामक एक ग्रीक ग्रन्थकार ने लिखा है-"भारतवर्ष का विक्रम और गौरव देख कर ही यहूदी लोग इस देश को हन्द् कह कर पुकारते थे"। अब देखना है कि यहूदी लोगों ने इस हन्द् शब्द को पाया कहां से? पाया उन्होंने पारसियों की ज़ेन्दावस्ता से। प्रमाण-
(१) यहूदियों के देश में बहुत काल तक पारसियो ने राज्य किया। उनके राज्य-काल में यहूदी अदालतों में ज़ेन्द भाषा ही बोलते थे। वे लोग ज़ेन्दावस्ता पढ़ते थे। इस से पारसियों के हिंदव शब्द से यहूदी जरूर परिचित रहे होंगे, इसमें कोई सन्देह नहीं।
(२) यहूदियों ने ज़ेन्दावस्ता में अनेक देशों, पर्वतों और नदियों आदि के नाम लिखे हैं। यथा
ज़ेन्द भाषा। | | हिब्रू भाषा। |
तराशश् (Taurus) | ... | तरश |
मोश्जा | ... | मोशजा |
मज़दाहा | ... | मेशाया(Messiah) |
कोशा। | ... | कोशा |
अर्द्जु। | ... | इयारजउ |
हिब्रू-भाषा कोई स्वतन्त्र भाषा नहीं। वह ज़ेन्द भाषा से उत्पन्न