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अतीत-स्मृति
 

अनुमान की साधनीभूत सामग्री को वह खुद न देख ले और उसकी सत्यता पर उसका विश्वास न हो जाय, तो मानों यह कबूल कर लेना होगा कि बङ्किम बाबू के निर्णय में संस्कृत और अंग्रेजी के जितने ग्रन्थों का नाम आया है उन सब को आपने देख लिया है और उल्लिखित वाक्यों की यथार्थता की परीक्षा भी कर ली है।

बँगला के प्रसिद्ध उपन्यासकार बङ्किम बाबू ने कृष्णचरित्र नाम की एक पुस्तक लिखी है। उसमें उन्होंने महाभारत के काल का निर्णय भी किया है। इसी निर्णय का भावार्थ प्रयाग समाचार ने देना शुरू किया है।

बङ्किम बाबू कहते है कि योरप के किसी किसी पंडित का मत है कि महाभारत ईसा के पहले चार पांच सौ वर्ष से अधिक पुराना ग्रंथ नहीं है। पर स्वदेशी पंडितों की सम्मति है कि महाभारत वर्तमान समय से कोई पांच हज़ार वर्ष पहले का है। इन दोनों मतों को बाबू साहब "घोरतर भ्रम परिपूर्ण" बतलाते हैं। महाभारत कब हुआ इस सम्बन्ध में आपने अपनी मीमांसा में जिन ग्रन्थों और ग्रन्थकारों का मत दिया है उनकी तालिका इस प्रकार है।

विष्णुपुराण ईसा के पहले १४३० वर्ष
मत्स्य और वायुपुराण {{{1}}} {{{1}}} १४६५ वर्ष
कोलब्रुक, विलसन और
एत्लफिंस्टन
{{{1}}} {{{1}}} चौदहवीं शताब्दी
विलफर्ड {{{1}}} {{{1}}} १३७० वर्ष