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राजा युधिष्ठिर का समय
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बुकानन ईसा के पहले तेरहवीं शताब्दी
प्राट {{{1}}} {{{1}}} बारहवीं शताब्दी

इन सब मतों में बङ्किम बाबू विष्णुपुराण ही के मत को सब से अधिक ठीक समझते हैं। आप अपनी पुस्तक में लिखते हैं—"विष्णुपुराण से ईसा के १४३० वर्ष पहले की प्राप्त होती है, वही ठीक है। मुझे भरोसा है कि इन सब प्रमाणों को सुन कर अब कोई यह न कहेगा कि महाभारत का युद्ध द्वापर के शेष में, पांच हज़ार वर्ष पहले, हुआ था।" अच्छा तो विष्णुपुराण ही का मत बङ्किम बाबू का हुआ। तद्‌नुसार महाभारत का युद्ध ईसा के १४३० वर्ष पहले हुआ; द्वापर के अन्त में नहीं। प्रयाग-समाचार को भी शायद यही मत ठीक जँचा है। अच्छा १४३० में १९०४ जोड़ दीजिए। फल ३३३४ वर्ष हुए। अब गत फरवरी की सरस्वती का बयालीसवाँ पृष्ठ देखिए। वहाँ लिखा है कि—"इस हिसाब से महाभारत को कोई सवा तीन हज़ार वर्ष हुए"। कनिंहाम साहब और बङ्किम बाबू का मत एक हो गया। क्योंकि ८४ वर्ष का अन्तर कोई अन्तर नहीं। फिर हमारे 'कोई' शब्द पर भी तो ध्यान देना चाहिए। परीक्षित का जन्म साहब ने ईसा के १४३० वर्ष पहले अनुमान किया है। ठीक वही समय विष्णुपुराण और बङ्किम बाबू के मत में महाभारत का है। अब बङ्किम बाबू के निर्णय और कनिंहाम के अनुमान में भेद कहाँ है, यह समझ में नहीं आता। किस निमित्त यह परिश्रम हो रहा है, क्यों यह लेखमाला निकाली जा रही है, अभी तक यह हमारे ध्यान ही में नहीं