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राजा युधिष्ठिर का समय
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पञ्चम शताब्दी ते प्रणीत हइयाछिल।

(२) पूर्वोक्त ग्रन्थ, पञ्चम परिच्छेद।

प्रथमे देशी मतेरई समालोचना आवश्यक। ४९४२ वत्सर पूर्वे कुरुक्षेत्रे युद्ध हइयाछिल, ए कथा सत्य नहे। इहा आमि देशी ग्रन्थ अवलम्बन करियाई प्रमाण करिब।

हिन्दी भावार्थ

जो लोग यह कहते हैं कि कुरुक्षेत्र में महायुद्ध के अधिवेशन हुये केवल ४९९२ वर्ष व्यतीत हुए हैं, यह उनका कहना सत्य नहीं है। इस बात को अवलम्ब न कर हम आगे सिद्ध करेंगे।

पहले अवतरण के हिन्दी-भावार्थ में "खि॰ पू॰" के छूट जाने से हज़ार वर्ष का अन्तर हो गया। दूसरे अवतरण में और बातों को जाने दीजिए, सिर्फ़ "केवल" शब्द को देखिए। अकेले इस शब्द के आ जाने से अर्थ का अनर्थ हो गया। यह शब्द मूल में नहीं है। ये त्रुटियाँ जान बूझ कर नहीं की गईं। सिर्फ असावधानता से हुई हैं। परन्तु हमारे माननीय सहयोगी का मतलब यदि सत्य के ढूँढ़ने का है तो उसे अधिक सावधान रहना चाहिए।

सुविज्ञ प्रयाग-समाचार से हमारी यही प्रार्थना है कि जो कुछ हमने लिखा है सिर्फ सत्य के अनुरोध से लिखा है। यदि हमसे कोई शब्द अनुचित निकल गया हो तो उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं। जिस लेख का यह उत्तर है उसके आरम्भ में कई बातें ऐसी