पृष्ठ:अद्भुत आलाप.djvu/३

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निवेदन

इस संग्रह में २१ लेख हैं। कुछ पुराने हैं, कुछ थोड़े ही समय पूर्व के लिखे हुए हैं। जो पुराने हैं, वे पुराने होकर भी पुराने नहीं। एक तो भूली हुई पुरानी बात भी सुनने पर नई मालूम होती है। दूसरे, इस पुस्तक में जिन विषयों या बातों का उल्लेख है, उनमें से अधिकांश पुरानी हो ही नहीं सकतीं। जिन विषयों का समावेश इसमें है, वे प्रायः सभी आश्चर्य-जनक, अतएव कौतूहल-वर्द्धक हैं। इस कारण, और कामों से छुट्टी मिलने पर, मनोरंजन की इच्छा रखनेवाले पुस्तक-प्रेमी इसके पाठ से अपने समय का सद्व्यय कर सकते हैं; और संभव है, इससे उन्हें कुछ नई बातें भी मालूम हो जायँ। इसका लेख नंबर ७ पंडित मधुमंगल मिश्र का लिखा हुआ है।

८ ऑक्टोबर, १९२४ महावीरप्रसाद द्विवेदी


निवेदन
(द्वितीय आवृत्ति पर)

सी॰ पी॰ के हाईस्कूलों के कोर्स में पूज्यपाद द्विवेदीजी की इस सुंदर रचना को रख देने के लिये हम वहाँ की टेक्स्ट-बुक-कमेटी को धन्यवाद देते हैं, और अन्यान्य प्रांतों की टेक्स्ट-बुक-कमेटियों और अन्यान्य शिक्षा-संस्थानों से प्रार्थना करते हैं कि वे भी इसे मिडिल या इंट्रेंस के लिये मनोनीत करें।

१७ । ७ । ३१ दुलारेलाल