पृष्ठ:अन्तस्तल.djvu/४१

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दु:ख

यह असम्भव है। मैं आपसे व्याह नहीं कर सकती। मैं बहुत दुःखी हूँ। मुझे क्षमा कीजिये। मैं भीतर ही भीतर रोगिणी हो रही हूँ। डाक्टर ने कहा है कि तुम x x x नहीं नहीं, मैं वह बात आपको अपने मुँह से नहीं सुनाऊँगी। आप मेरा मोह त्याग दीजिये। भूल जाइये। यह कठिन है, पर अभ्यास बड़ी वस्तु है। मैंने अभ्यास किया है, आप भी कीजिये। हम लोग बहुत देर में मिले। समय बीत चुका था। सुख और शांति यह मेरे भाग्य में नहीं थी। क्योंकि मेरा बूढ़े से ब्याह होता