पृष्ठ:अभिधर्म कोश.pdf/२३६

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द्वितीय कोशस्थान : फल २२३ उदाहरण : उपरिभूमिक समाधि अपरभूमिक तत्प्रयोगचित्त का पुरुषकारफल है; प्रथम- ध्यानभूमिक समाधि कामावचरचित्त का, द्वितीययानभूमिक समाधि प्रथमध्यान-भूमिक चित्त का, पुलकारफल है । अनानव धर्म सालव वर्म (लोकिकान धर्मो का फल दुखे धर्मज्ञानशान्ति, ६.२५ सी-जी है) का पुरुपकारफल हो सकता है । निर्माणचित्त ध्यानचित्त का (७.४८) पुरुषकारफल है । एवमादि । प्रतिसंख्यानिरोध या निर्वाण को 'पुल्पकार फल' अवधारित करते हैं किन्तु ५८ ए-बी का लक्षण निरोन में नहीं बता क्योंकि नित्य होने से यह उत्पन्न नहीं होता । अतः हम कहते हैं कि यह उस धर्म का पुरुपकारफल है जिसके दल से प्रतिसंस्थानिरोव प्राप्त होता है । ५८ सी-डी. पूर्वोत्पन्न से अन्य सर्व संस्कृतवर्म संस्कृत का अविपतिफल है।' पुरुषकारफल और अधिपतिफल में क्या भेद हैं ? [२९३] कर्ताक पुरुषकारफल है; अधिपतिफल कर्ता और अकर्ता दोनों का है। यथा शिल्प कारक शिल्पो का पुरुषकारफल और अधिपतिफल है; अशिल्पा का यह केवल अधिपतिफल है । फल के प्रतिनहण (गृह्णाति, आक्षिपति) और दान (प्रयच्छति, ददाति) के काल में प्रत्येक हेतु अनागत, प्रत्युत्पन्न, मौत इनमें से किस अवस्था में होता है ? वर्तमानाः फलं पञ्च गृह्णन्ति द्वौ प्रयच्छतः । वर्तमानाभ्यतीतौ द्वावकोऽतीतः प्रयच्छति ॥५९॥ ५९. ५ हेतु वर्तमान अवस्था में फल ग्रहण करते हैं; दो वर्तमान अवस्था में फल प्रदान करते हैं; दो, वर्तमान और अतीत, प्रदान करते हैं; एक अतीत प्रदान करता है।' 'फलप्रतिग्रहण', 'फलदान' का क्या अर्थ है ? कामावर मरणचित्त का अर्थात् उस सत्वले चित्त का जो कामधातु में मृत होता है पुरुष- कारफल रूपाक्चर प्रथम अन्तराभव क्षण होता है। यह उदाहरण पुरुषकारफल और निष्यन्द- फल का विवेचन करते हैं। चार कोदि हैं : (१) पुरुषकारफल जो निष्यन्दफल नहीं है: पूर्वोक्त उदाहरण; (२) निष्यन्दफल जो पुरुषकारफल नहीं है : यह सभाग और सर्वनम हेतुओं का व्यवहित फल है; (३) जो निष्यन्द और पुल्पकारफल उभय है : सभागफल, स्वभूमिका, समनन्तरोत्पन्न; (४) जो न निष्यन्द है, न पुरुषकार : विपाक फल। व्या २२५.२०] अपूर्वः संस्तस्यैव संस्कृतोऽधिपतेः फलम् ॥ [व्या २२६.२] २.५६ वी और ४.८५ । वर्तनानाः फलं पञ्ज गृह्णन्ति द्वौ प्रयच्छतः । वर्तमानाभ्यतीतौ द्वौ एकोऽतीतः प्रयच्छति ॥ [व्या २२६.९] २.५५ ए-बी से तुलना कीजिये। मूल में वह लक्षण आगे चलकर (६.२२ ए ७) दिये हैं। पाठक को सुगमता के लिये इन्हें यहाँ ३ देखिये। a १