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बारहवाँ अध्याय
भारत में मुसलिम राज्य स्थापन से पहिले अयोध्या
पर मुसलिमों के आक्रमण

मुसलमान कहते हैं कि सृष्टि के आरम्भ ही से अयोध्या मुसलमानों के अधिकार में रही। अल्लाहताला ने पहिले आदम को बनाया और जब उन्होंने शैतान के बहकाने से गेहूं खा लिया और फ़िरदोस (स्वर्ग) से गिरा दिये गये तो लङ्काद्वीप में गिरे जहाँ पर्वत पर उनका तीन ग़ज़ लम्बा चरण चिह्न अब तक दिखाया जाता है। इससे अनुमान किया जा सकता है कि आदम किस डील-डौल के थे। आदम हज करने मक्के को जाया करते थे। उनके दो बेटों अयूब (Job) और शीस (Seth) की क़बरें अयोध्या में बतायी जाती हैं। परन्तु सम्राट् अकबर के सुप्रसिद्ध मंत्री अबुल फ़जल ने इसके विषय में जो कुछ लिखा उसका सारांश यह है :—

"इस नगर में दो बड़ी क़ब्रें हैं, एक ६ ग़ज़ लम्बी, दूसरी सात ग़ज़ की। साधारण लोग कहते हैं कि अयूब और शीश की क़ब्रें हैं और उनके विषय में विचित्र बातें कहते हैं।[१]

इससे प्रकट है कि अबुलफ़ज़ल को भी इन क़ब्रों के दावे पर सन्देह था।

अयोध्या में एक स्थान ख़ुर्द (छोटा) मक्का भी है।

थाने के पीछे तूफ़ान वाले नूह की क़ब्र नव ग़ज़ लम्बी बतायी जाती है।


  1. در این شہر دو قبر بزرگ ساختہ اند شش و ہفت گزی بر خوانند خواب گاہ شیث و ایوب پندارند و زواخت ھا برخوانند— آئین اکبری جلد سوم صفحہ ۴۵