सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२२५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
१८१
अगरेजी राज में अयोध्या

फैज़ाबाद के कायस्थों ने धर्महरि के पुराने मन्दिर के स्थान पर एक बड़ी धर्मशाला बनवा दी है। गड़रियों और अछूतों ने भी मन्दिर और धर्मशाला बनवाई है।

आजकल अयोध्या मन्दिरों का नगर है और जबतक हिन्दुओं में मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्रजी के प्रति श्रद्धा और भक्ति रहेगी अयोध्या उत्तर भारत की धार्मिक राजधानी रहेगी।

आवश्यकता केवल इस बात की है कि इस स्थान का शासन ऐसे हाकिमों के हाथ में रहे जो पक्षपातरहित होकर सनातन धर्मियों से सहानुभूति रक्खें।