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पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२६९

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चन्द्र-वंश

बेटियाँ कंस को ब्याही थी। कंसवध के पीछे जरासंध कृष्ण का कट्टर बैरी हो गया और उसी के डर से श्रीकृष्ण यदुवंशियों को लेकर द्वारका (कुशस्थली) भाग गये थे। जरासंध के मारे जाने पर उसका राज छिन्न-भिन्न हो गया। सहदेव को मगध के पश्चिम का अंश मिला। उसी के साथ साथ मगध के दो और राजाओं के नाम हैं दंडधार और दंड, जो गिरिब्रज में राज करते थे। सहदेव के भाई नयसेन के पास भी कुछ राज था।

 

 

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