पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२७२

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उपसंहार (ट)
चन्द्रवंश
कान्यकुब्ज वंश

१ मनु
२ इला
३ पुरूरवस्
४ आमावसु
५ भीम
६ कंचनप्रभ
७ सुहोत्र
८ जहनु[१]
९ सुमन्त (सुजहनु)
१० अजक
११ बालाकाश्व
१२ कुश
१३ कुशाश्व
१४ कुशिक
१५ गाधि
१६ विश्वामित्र (इनका क्षत्रिय नाम विश्वरथ था)
१७ अष्टक


  1. जहनु ने अपने यज्ञस्थान को गङ्गाजल में डूबता देखकर समाधिस्थल से सारा गङ्गाजल पान कर लिया। उस समय देवर्षियों ने उन्हें प्रसन्न करके गङ्गा को पुत्रीरूप से स्वीकार कराया तब जहनु ने उनको छोड़ दिया।