सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:अयोध्या का इतिहास.pdf/२९७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।

 

उपसंहार (फ)
बूढेदाने के चौधरी

एन॰ डब्लु॰ पी॰ गज़ेटियर (N. W. P. Gazetteer) में लिखा है कि सम्वत् १२४० (ई॰ ११८६) में अयोध्या से उदयकरण श्रीवास्तव्य, महाराज पृथिवीराज के दर्बार में गये। वहां उन्होंने बड़ी वीरता दिखाई। महाराज ने उन्हें मेवजाति के सर करने को फफूंद भेज दिया। मेवों के परास्त होने पर सं॰ १२४२ में उनको पचीस हज़ार की जागीर की सनद और चौधरी की उपाधि दी गई।