पृष्ठ:अर्थशास्त्र शब्दावली.pdf/२०६

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भारतवर्षीय हिन्दी-अर्थशास्त्र-परिषद्

{{||(सन् १९२३ ई० में सस्थापित) }} सभापति- श्रीयुत पंडित दयाशकर दुबे, एम० ए०, एल-एल० वी० अर्थशास्त्र अध्यापक, प्रयाग-विश्व-विद्यालय, प्रयाग। मंत्री- (१) श्रीयुत जयदेवप्रसाद जी गुप्त, एम० ए०, बी० कॉम, एस० एम० कालेज, चदौसी । (२)पंडित भगवतीप्रसाद नी वाजपेयी, दारागंज, प्रयाग । इस परिषद् का उद्देश्य है जनवा में हिन्दी द्वारा अर्थशास्त्र का ज्ञान फैलाना और उसका साहित्य बढ़ाना | कोई मी सबन अर्थशास्त्र पर एक पुस्तक लिखकर इस परिषद् का सदस्य हो सकता है। प्रत्येक सदस्य को परिषद् द्वारा प्रकाशित या संपादिक पुस्तके पौने मूल्य पर दी जाती है। परिषद् की संपादन समिति द्वारा सम्पादित होकर निम्नलिखित पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है:- (१) मारतीय अर्थशास्त्र (भारतीय अंथमाला, वृन्दावन) all) (२) भारतीय राजस्व (भारतीय प्रथमाला, वृन्दावन) (३) विदेशी विनिमय (गंगा-ग्रंथागार, लखनक) elly (1) अर्थशास्त्र शब्दावली (भारतीय ग्रंथमाला वृन्दावन) ३) (५) कौटिल्य के आर्थिक विचार ( (६) सम्पत्ति का उपभोग (साहित्य-मंदिर, दारागन, प्रयाग) (७) भारतीय बैंकिग (रामदयाल अग्रवाल, प्रयाग) ell) ) 115)