पृष्ठ:अर्थशास्त्र शब्दावली.pdf/४

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सम्बन्धी शब्द हो, उनके आगे हिन्दी परिभाषा और फिर अगरेज़ी पर्यायवाची शब्द रहे । सन् १९३० ई० में इसी योजना के अनुसार कार्य किया गया। इसमें सर्वश्री रेवतीरमण माथुर एम० ए०,बी०.. उदयनारायण त्रिपाठी एम. ए. साहित्यनन, रामानुज पाडेय बी० ए०, महावीरप्रसाद त्रिपाठी बी० ए०, उमाशंकरलाल बी. काम०और रघुवीरप्रसाद जायसवाल ने हमें बहुत सहायता प्रदान की।इस प्रकार अर्थशास्त्र सम्बन्धी एक वृहत् कोष की पांडु-लिपि बहुत-कुछ तैयार हो गयी थी । परन्तु उसके प्रकाशित होने की व्यवस्था न हो सकी । अन्ततः केवल शब्दावली का ही अन्तिम रूप तैयार कर के उसे छपाने का निश्चय किया गया।

हमारी अर्थशास्त्र शब्दावली सन् १९३२ ई० में भारतीय ग्रन्थ- माला, वृन्दावन, से प्रकाशित हुई। इसी ग्रन्थमाला ने 'राजनीति शब्दावली' मी छपायी यो, जिसका पिछले दिनों संशोधित और परिवर्तित रूप प्रकाशित हो चुका है। उपयुक्त दोनों शब्दावलियों को मिटिश भारत तथा देशो राज्यों के अधिकाश विश्व- विद्यालयो, कालिनों और अन्य साहित्यिक, आथिक और राजनैतिक सस्थाओं ने मॅगाया है। बहुव से बी० ए०, एम. ए. और साहित्य-रल आदि परिक्षाओं के परिक्षार्थियों एवं कितने ही लेखकों ने इनका उपयोग किया है।

अर्थशान शब्दावली का प्रथम संस्करण समाप्त हो जाने पर गत वर्ष इसे दूसरे संस्करण के लिए संशोधित करने की तैयारी की जाने लगी । हर्ष का विषय है कि कई सजनों ने इसमें सहयोग