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अहङ्कार

भाँति सुख-दुःख का अनुभव कर सकते होंगे। यह निर्विवाद है कि प्रेम से पीड़ित मनुष्य को कष्टों का सामना अवश्य करना पड़ता है, और उसके वशीभूत हो जाना मानसिक दुर्बलता का चिह्न है। ड्रोसिया के प्रति देवगणों को जो प्रेम है इससे उनकी दोषपूर्णता सिद्ध होती है।

ड्रोसिया वह व्याख्या सुनकर बिगड़ गई और बोली-

निसियास, तुम्हारा तर्क सर्वथा अनर्गल और तत्वहीन है। लेकिन यह तो तुम्हारा खमाव ही है। तुम बात तो समझते नहीं ईश्वर ने इतनी बुद्धि ही नहीं दी, और निरर्थक शब्दों में उत्तर देनाकी चेष्टा करते हो।

निसियास मुसकिराया-

हाँ, हाँ ड्रासिया बातें किये जायो चाहे वह गालियाँ हीं क्यों न हों। जब-जब तुम्हारा मुँह खुलता है हमारे नेत्र तृप्त हो जाते हैं। तुम्हारे दातों की बत्तीसी कितनी सुन्दर है, जैसे मोतियों की माला!

इतने में एक वृद्ध पुरुष, जिसकी सूरत से विचारशीलता झलकती थी, और जो वेश-वस्त्र से बहुत सुव्यवस्थित न जान पड़ता था, मस्तक गर्व से उठाये, मन्दगति से चलता हुआ कमरे में आया। कोटा ने अपने ही गद्दे पर उसे बैठने का संकेत किया और बोला-

यूक्राइटीज़, तुम खूब आये। तुम्हें यहाँ देखकर चित्त बहुत प्रसन्न हुआ। इस मास में तुमने दर्शन पर कोई नया ग्रन्थ लिखा? अगर मेरी गणना गलत नहीं है तो यह इस विषय का ९२ वाँ निबन्ध है, जो तुम्हारी लेखनी से निकला है। तुम्हारे नरकट की क़लम में बड़ी प्रतिभा है। तुमने यूनान को भी मात कर दिया।

यूक्राइटीज़ ने अपनी श्वेत दाढ़ी पर हाथ फेर कर कहा-

बुल बुल का जन्म गाने के लिए हुआ है। मेरा जन्म