पृष्ठ:अहंकार.pdf/१४८

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नगर में सूर्य्य का प्रकाश फैल चुका था। गलियाँ अभी खाली पड़ी हुई थीं। गली के दोनों तरफ सिकन्दर की क़ब्र तक भवनों के ऊँचे ऊँचे सतून दिखाई देते थे। गली के संगीन फ़र्श पर जहाँ वहाँ टूटे हुए हार और जुझी हुई मशालों के टुकड़े पड़े हुए थे। समुद्र की तरफ से हवा के ताज़े झोंके आ रहे थे। पाप- नाशी ने घृणा से अपने भड़कीले बस उतार फेंके और उसके टुकड़े-टुकड़े करके पैरों तले कुचल दिया।

तब उसने थायस से कहा—

प्यारी थायस, तूने इन कुमानुषों की बातें सुनी ऐसे कौन से दुर्वचन और अपशब्द हैं जो उनके मुँह से न निकले हों, जैसे मोरी से मैला पानी निकलता है। इन लोगों ने जगत् के कर्ता परमेश्वर को नरक की सीढ़ियों पर घसीटा, धर्म और अधर्म की सत्ता पर शंका की, प्रभु मसीह का अपमान किया, और जूदा का