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अहङ्कार

चार का तुमको कड़ा दण्ड मिलेगा। सर्पराज तुमसे बदला लिए बिना न रहेगा। तिस पर भी तुम इतना तो जानते ही थे कि वह संगीत में निपुण और प्रेम-कला में सिद्धहस्त है। तुमने यह जान- कर भी उसकी अवज्ञा की। कला और सौन्दर्य दोनों ही से झगड़ा कर बैठे, दोनों को ही पॉव तले कुचलन की चेष्टा की। और अब तुम दैनिक और मानसिक आतंकों से ग्रस्त हो रहे हो । तुम्हारा ईश्वर क्यों तुम्हारी सहायता नहीं करता? उसके लिए यह असम्भव है। उसका आकार भूमंडल के आकार के समान ही है, इसलिए उसे चलने की जगह ही कहाँ है, और अगर अस- म्भव को सम्भव मान ले, तो उसके भूमडल-व्यापी देह के किंचितमान हिलने पर सारी सृष्टि अपनी जगह से खिसक जायगी, ससार का नाम ही न रहेगा । तुम्हारे सर्वज्ञाता ईश्वर ने अपनी सृष्टि में अपने को कैद कर रखा है।

पापनाशी को मालूम था कि जादू द्वारा बडे बड़े अनैसर्गिक कार्य सिद्ध हो जाया करते हैं। यह विचार करके उसको बड़ी घबराहट हुई—

शायद वह मृत पुरुष जो मेरे पैरों के नीचे समाविस्थ है उन मत्रों को याद रखे हुए है जो 'गुप्त ग्रथ' में गुप्त रूप से लिखे हुए हैं । वह ग्रंथ अवश्य ही किसी बादशाह के कत्र के नीचे कहीं- न-कहीं छिपा रखा होगा। वह स्थान यहाँ से दूर नहीं हो सकता। किसी बादशाह की क़ब्र निकट होगी । उन मन्त्रों के बल से मुरदे वही देह धारण कर लेते हैं जो उन्होंने इस लोक मे धारण किया था, और फिर सूर्य के प्रकाश और रमणियों के मन्द मुसकान का आनन्द उठाते हैं।

उसको सबसे अधिक भय इस बात का था कि कहीं वह सितार बनानेवाली सुन्दरी और वह मृत पुरुष निकल न पायें