पृष्ठ:अहिल्याबाई होलकर.djvu/७७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ प्रमाणित है।
( ६८ )


उनको विश्वास दिलाया कि तुमने मेरे हेतु जो बहुत दुःख भोगे हैं, वे सब मुझे स्मरण हैं। मैं तुम को होलकर घराने की दीवानी के पद पर पुनः नियत करूँगा। परंतु समय की प्रतीक्षा करके धैर्य रखो।


_______