पृष्ठ:आदर्श महिला.djvu/२६३

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आदर्श महिला
 
राजा-रानी उदास-मन से नदी-किनारे खड़े हैं। इतने में एक बूढ़ा सा मल्लाह, एक टूटी फूटी नाव लेकर वहाँ आया—पृ॰ २४६।

इंडियन प्रेस, लिमिटेड, प्रयाग।