पृष्ठ:आदर्श हिंदू १.pdf/१८९

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जगह मिलकर बैठने की जगह नहीं मिल सकी। पंडित प्रिया- नाथ को थर्ड क्लास में जगह न होने से इंटर मिला। मर्द मर्द सब अपने अपने मन माने जहाँ जिसे जगह मिली घुस बैठे। बूढ़े भगवान दास को भी हाथ पकड़ कर उस आदमी ने बिठला दिया किंतु बुढ़िया और प्रियंवदा को स्टेशन पर इस छोर से उस छोर तक दो तीन बेर घुमाने के अनंतर एक जनानी गाड़ी में जगह दी और सो भी दोनों के बीच में तीन कंपार्टमेंट का अंतर! तब यह प्रियंवदा से बोला―"क्यों सरकार आपको तो अच्छी जगह मिल गई ना! दास को भूलना नहीं।" और उत्तर में प्रियंवदा ने―"तेरा सिर! निपूता यहाँ भी आ मरा!" कहते हुए अपना मुँह फेर लिया और उसी समय सीटी देकर "धक धक" करता हुआ गाड़ियों को इंजिन ले चला।



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