पृष्ठ:आदर्श हिंदू २.pdf/१३७

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उस आदमी की मुश्कें कस ली। कसने के अनंतर लात और घूँसों से उसकी खूब ही खबर ली। ऐसे जब प्रियंवदा की ऐन समय मी लाज बच गई तब उसने उन लठैतों जो लेकर आए थे उन्हें धन्यवाद दिया। उन चारों चेरियों में से श्यामा जो औरों से छिप छिपकर उन लोगों के पास खबर पहुँचाने का काम करती थी, छिप छिपकार प्रियंवदा के लिये खाना ला देती थी और गाढ़ी भीड़ को समय लाज बचाने के लिये जिस खंजर ला दिया था इसे भरपूर इनाम दिया गया।


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