पृष्ठ:आदर्श हिंदू ३.pdf/१८१

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और हमारा बिलकुल अनुकरण करते हैं। भगवान् के अनुग्रह । होड़ाहोड़ो का अवसर आ गया हैं ।"

परंतु एक बात याद रखने की है । यदि इसमें बेपर्वाही करोगे तो पुण्य करते हुए पाप होगा। नरक के भागी होना पड़ेगा।"

"हाँ ! मैं समझ गया । मैंने निश्चय कर लिया है कि इन गोशाला के बछड़े या बड़े होने पर बैल ऐसे दुष्टों को हाथ न बेचे जायं जो उनका अच्छी तरह पालन न करें, उनसे अधिक मेहनत लेकर पेट भर खाने को न दें, अथवा कसाई के हाथ अपने चौपायों को बेच दें। जिस पर मुझे जरा सा भी संदेह होता है उसे चाहे जितना नफा मिले मैं कदापि नहीं देता हूँ। मैं लेनेवालों से प्रतिज्ञापत्र लिखवाकर हो सकता है तो जमानत भी ले लेता हूँ ।" "परंतु और लोग बेचे तों ?"

"इसका भी मैं प्रबंध कर रहा हूं। कोई सभा करके नहीं, किसी से लड़ झगड़कर नहीं, भिन्न धर्मियों को चिढ़ाकर सताकर नहीं किन्तु जो लोग यहाँ आते हैं वे सब यहाँ की स्थिति देखकर ललचाते हैं और स्वयं अपनी इच्छा से प्रतिज्ञापत्र लिख जाते हैं, यहाँ तक कि कितने ही मुसलमान भाई भी इसके पसंद करने लगे हैं। वे स्वयं प्रतिज्ञाएँ करते हैं, हमारी नकल करते हैं और इस तरह बर्ताव करने को तैयार हैं क्योंकि उन्होंने समझ लिया है कि अगर मुल्क से गाएँ नेस्त