पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१०७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
९४
आर्थिक भूगोल

६४ Resin ) आर्थिक भूगोल पाइन के वृक्ष से तारपीन का तेल ( Turpentine oil ) तथा बीरोज़ा ( Rosin ) निकाला जाता है। पाइन वृक्षों को काट लाख और गोंद कर उनसे गाढ़ा गाढ़ा गोंद ( Resin ) इकट्ठा किया (Gums and जाता है। इसमें से तारपीन का तेल निकाल लिया जाता है और बोरोज़ा बंच रहता है । इस तेल का उपयोग पेंट, वार्निश, तथा साबुन बनाने में किया जाता है । तारपीन का तेल (Turpentine oil) संयुक्त राज्य अमेरिका, फिनलैंड, रूस, फ्रांस और भारतवर्ष में बनाया जाता है। रूस और स्वीडन में इन्हीं वृक्षों की लकड़ी से वुडटार (Wood-Tur) बनाया जाता है। कपूर के वृक्ष से कपूर तैयार किया जाता है। प्रारम्भ में कपूर के वृक्ष को काट कर उसकी लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े करके उसको पानी के साथ गरम करके कपूर निकाला जाता था। किन्तु अब ज्ञात हुश्रा है कि पत्तियों तथा डालों में तने से भी अधिक कार होता है । इस कारण अब वृक्षों को काटने की आवश्यकता नहीं पड़ती । सब से अधिक कपूर फारमोसा ( Formosa ) से बाहर भेजा जाता है। चीन का फूकन ( Fukien ) प्रान्त, जापान के शिकाकू ( Shikoku ) तथा क्यूशू ( Kiushu) द्वीप, कोचीन चीन, सुमात्रा, जावा और बोरनियो ( Borneo ) से भी कपर बाहर भेजा जाता है। ऊष्ण कटिबन्ध के वनों में बहुत तरह का गोंद (Gum) मिलता है। एक प्रकार का गोंद तो वह होता है जो पानी में घुल जाता है चिपकाने के काम में आता है । यह गोंद, भारतवर्ष, अफ्रीका, सोमालीलैंड, और पारट्रेलिया से बाहर भेजा जाता है। दूसरे प्रकार का गोंद जिसे कोपाल कहते हैं वह पानी में नहीं घुलता अतएव उनका उपयोग वार्निश में होता है। न्यूजीलैंड, दक्षिण यफ्रीका, तथा मलाया प्रायद्वीप से दूसरे प्रकार का गोंद कोपाल ( Copal ) वाहर बहुत राशि में भेजा जाता है। भारतवर्ष के कुछ वन प्रदेशों लाख का कीड़ा वृक्षों पर नाख जमा करता है। भारतवर्ष संसार भर को लाख भेजता है । मलाया प्रायद्वीप में वेत भी बहुत अधिक उत्पन्न होता है । पनों से चमडा कमाने के लिए छाल तथा फल भी मिलते हैं। हैमलाफ ( Hemlock ) तथा श्रोक ( Onk ) की छाल इस काम में बहुत पाती है। स्मस (Spruce ) और लार्च ( Larch ) का भी उपयोग चमड़ा कमाने में होता है। गैम्बियर (Gambier ) जो एक झाड़ी की पत्तियों से निकाला जाता है चमड़ा कमाने के काम में बहुत श्राता है। यह झाड़ी