पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/१५५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
१४३
खेती की पैदावार भोज्य पदार्थ

खेती की पैदावार-भोज्य पदार्थ १४३ ज्वार और बाजरा ऊष्ण कटिबन्ध ( Tropics ) में उत्पन्न होने वाले अनाज हैं । जहाँ थोड़ी सी भी वर्षा होती है वहाँ यह ज्वार और उत्पन किये जा सकते हैं। २० इंच वर्षा से जहाँ बाजरा (Millets) अधिक वर्षा होती है वहाँ इनकी पैदावार अधिक नहीं होती । अनुत्पादक भूमि में भी यह उत्पन्न किये जा सकते हैं । बाजरा'तो ज्वार से भी अधिक सूखे प्रदेशों की पैदावार है । बहुत से शुष्क प्रदेश जहाँ वर्षा बहुत कम होती है बाजरा के ही कारण आबाद है। ये दोनों अनाज भारतवर्ष में बहुतायत से उत्पन्न होते हैं । यहाँ का यह मुख्य ': भोजन है। चीन, जापान, भारतवर्ष, और अफ्रीका में इनका उपयोग खाने के लिये होता है। सयुक्त राज्य अमेरिका में सारझूम (corjhum ) नामक अनाज जो कि वार बाजरा के समान ही होता है पशुओं के लिये उत्पन्न किया जाता है । ज्वार और बाजरे को चारे के लिये भी उत्पन्न किया जाता है। वकहीट महत्त्वपूर्ण अनाज नहीं है। चाहे जितनी अनुपजाऊ भूमि हो और चाहे जितनी जलवायु प्रतिकूल हो बकहीट वहाँ षकह्वीट भी उत्पन्न हो सकता है। इसको फसल बहुत जल्दी (Buckwheat) पक जाती है। यही कारण है कि जहां दूसरा अनाज . उत्पन्न नही हो सकता वहाँ बकहीट उत्पन्न होता है। बकहीट शरीर को शक्ति देने वाला अनाज है । इसका उपयोग पशुषों और मुर्गियों को खिलाने तथा रोटी बनाने में होता है । रूस, जापान, फ्रास, और संयुक्तराज्य अमेरिका इसको उत्पन्न करने वाले देशों में मुख्य हैं। सागो उसी नाम के वृक्ष के गूदे से तैयार किया जाता है । सागो का वृक्ष ३० से ४० फीट तक ऊँचा होता है। यह सांगो। ( Sago ) वृक्ष नम और गरम.प्रदेशों में बहुतायत से उपन्न होता है। इनकी खेवा बहुत आसानी से की जा सकता है और एक वृक्ष से लगमग ६०० पौंड सागो प्राप्त होता है जैसे ही वृक्षों में फूल आते हैं उनको काट लिया जाता है, उनके तनों को चोर कर उसके गूदे को निकाल लेत हैं। उस गूदे को सुखाकर पास लेते हैं और फिर पानी में मिला देते हैं। इसके उपरान्त पानी को छान देते हैं और सागो तैयार हा जाता है। विदेशों को भेजने के लिए सागो की छोटी छोटी गोलियों बनावे हे जिन्हें हम सागूदाना कहते हैं । मनाया प्रायद्वं.पं तथा उसके समापवर्ती द्वीप समूह तपा प्रशान्त महासागर (Pacific Ocean ) के द्वीपों में सागो बतायत से उत्पन्न होता हे और हजारो आदमियों का यह नुख्य भोजन है।