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आर्थिक भूगोल

भार्षिक भूगोल अमेरिका में भी सोया बीन बहुत उत्पन्न होती है । मंचूरिया, कोरिया तथा संयुक्तराज्य अमेरिका से सोया बीन विदेशों को बहुत भेजी जाती है । भारतवर्ष में भिन्न भिन्न जातियों की दालें उत्पन्न की जाती हैं । यहाँ दाल भोजन की आवश्यक वस्तु है । मूंग, उर्द, अरहर, मटर, चना, मसूर इत्यादि यहाँ बड़ी मात्रा में उत्पन्न की जाती हैं, परन्तु इनका निर्यात अधिक नहीं होता क्योंकि देश के अन्दर ही इनकी खपत बहुत होती है । मसूर ठंडे देशों में अधिक उत्पन्न होती है। मानसून देश घने श्राबाद हैं । यहाँ की जनसंख्या अधिकतर निधन है और यहाँ मांस भी कम मिलता है अस्तु. भोजन में दालों का महत्वपूर्ण स्थान है। पिछले कुछ वर्षों में योरोप, अमेरिका, तथा एशिया में सब्जी की मांग बेहद बढ़ गई है क्योंकि वैज्ञानिक अनुसंधान से साग सब्जी पता लगा कि साग सब्जी में विटामिन (Vitamins) (Vegetables) बहुत अधिक मात्रा में मौजूद हैं जो स्वास्थ्य के लिए श्रावश्यक हैं। आंकड़े देखने से ज्ञात होता है कि अनाज के उपरान्त सब्जी ही मुख्य भोज्य पदार्थ है । हंटिगंटन महोदय ने अनुमान लगाया है कि संसार में प्रतिवर्ष १, ४०, ००० डालर की सब्जी उत्पन्न की जाती है। . सब्जी अधिकतर शीतोष्ण कटिबन्ध ( Temperate zone) की पैदावार है। इसका यह अर्थ नहीं है कि सब्जी गरम देशों में पैदा नहीं हो सकती या पैदा नहीं की जाती है | भेद इतना ही है कि शीतोष्ण कटिबन्ध में ठंडक अधिक होने के कारण यह आवश्यक नहीं है कि सब्जी बड़े बड़े शहरों के पास ही उत्पन्न की जाये । जहाँ की जलवायु तथा भूमि अनुकूल होती है वहाँ बड़ी मात्रा में सब्जी पैदा की जाती है और वहाँ से बड़े बड़े शहरों को भेज दी जाती है। किन्तु गरम देशों में सब्जी जल्दी सड़ जाती है इस कारण अधिकतर सब्जी की खेती बड़े बड़े शहरों के पास ही की जाती है जिससे उसे दूर भेजने की आवश्यकता न पड़े। वास्तव में देखा जाये तो सब्जी की बड़ी मात्रा में खेती तो बड़े बड़े शहरों के लिए ही होती है क्योंकि गाँवों में तो भूमि की कमी नहीं होती और किसान अपने घर के उद्यान में ही अपने लायक सब्जी उत्पन्न कर सकता है । यही कारण है कि योरोप तथा उत्तरी अमेरिका में ही सब्जी की खेती बहुत होती है क्योंकि वहाँ बहुत बड़े बड़े श्रौद्योगिक ( Industrial) तपा व्यापारिक केन्द्र हैं।