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आर्थिक भूगोल

२०४ आर्थिक भूगोल है संयुक्त राज्य अमेरिका ( U. S. A.) से बहुत दूर है। तीसरे संयुक्तराज्य अमेरिका कच्चा माल ( Raw materials ) बाहर भेजता है और पक्का माल बाहर से मंगाता है इस कारण इधर से जाने वाले जहाजों में जगह नहीं रहती । दक्षिण अमेरिका में औद्योगिक उन्नति न होने के कारण संयुक्तराज्य अमेरिका से वहां भी अधिक कोयला नहीं जाता। जर्मनी और पोलैंड भी योरोपीय देशों को कोयला भेजते हैं। कोयला बाहर से मंगाने वाले देशों में फ्रांस, इटली तथा बाल्टिक प्रदेश के राज्य मुख्य हैं। कोयले के अतिरिक्त मनुष्य ने शक्ति के और भी साधन हूँढ निकाले हैं। घटिया कोयले का उपयोग बिजली और गैस उत्पन्न करने में होता है क्रमशः इङ्गलैंड और जर्मनी में लिगनाइट कोयले का उपयोग बिजली और गैस तैयार करने में बढ़ता जा रहा है । इसके अतिरिक्त तेल (Petroleum) तथ, जल विद्युत ( Hydro-Electricity ) का भी अधिकाधिक उपयोग हो रहा है। यही नहीं जहाजों में कोयला तथा तेल मिला कर उपयोग में लाने की बात भी सोची जा रही है । यद्यपि अन्य शक्ति के साधन (Sources of power ) ढूंढ निकाले गए हैं परन्तु फिर भी कोयला मुख्य प्रौद्योगिक शक्ति का साधन है और उसकी माँग घट नहीं कोयले से अन्य हत्वपूर्ण गौण पदार्थ ( By-Products ) भी निकाले जाते हैं। भिन्न क्रियाओं द्वारा कोयले को धुंआरहित कोक (Coke) में परिणत किया जाता है साथ ही बहुत से तेल, खाद, और · कोलतार इत्यादि निकाले जाते हैं। कोयले के मुख्य गोया पदार्थ (By-Products) निम्नलिखित हैं.:- कोलतार ( Tar ) तथा उससे उत्पन्न होने वाली वस्तुयें । अमोनिया (Ammonia Sulphate ) जो खाद के रूप में काम आता है। इसके अतिरिक्त गैस, तेल, वैन्जाल ( Benzol) नेप्या ( Naphtha) मोटर वैन्जाल ( Motor Benzol ) तथा अन्य प्रकार के तेल निकाले जाते हैं। कुछ फुटकर पदार्थ गंधक (Sulphur ) इत्यादि भी निकलते हैं। कोयले की बढ़ती हुई मांग के कारण प्रत्येक देश में इस बात का प्रयत्न किया जा रहा है कि कोयले को किफायत से खर्च किया जाय। खानों को खोदने के तरीके में सुधार किया जा रहा है, तथा ऐसे ऐंजिन बनाये जा रहे हैं जिनमें कोयता कम खर्च हो ।