पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/२२५

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गौण उधोग-धंधे

गौण उद्योगधन्धे २१५ . लोहे और स्पात का धंधा एक अत्यन्त महत्वपूर्ण धंधा है। क्योंकि यंत्र, औजार, रेल, जहाज, मोटर इत्यादि सभी लोहा और आवश्यक चीज़ों को तैयार करने में लोहे और स्पात की स्पात.का धंधा ज़रूरत होती है । लोहे का धंधा उन्हीं स्थानों पर पनप (Iron & Steel) सकता है जहाँ कि कोयला, लोहा, तथा लाइमस्टोन मिलता हो । क्योंकि यह कच्चा माल भारी और कम मूल्यवान होता है । इस कारण दूर नहीं ले जाया जा सकता। यही नहीं लोहा और स्टील की बनी हुई चीजें यंत्र तथा रेल इत्यादि मारी होती हैं। इस कारण उन्हें बाज़ारों तक ले जाने की भी एक समस्या होती है। इस कारण यह धंधा उन्हीं स्थानों पर स्पापित किया जाता है जहाँ से माल बाज़ारों में आसानी से भेजा जा सके। इसके अतिरिक्त पानी, मजदूरों तथा यातायात के साधनों की सुविधा भी आवश्यक होती है। लोहे और स्पात के धंधे में कोयले की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। एक टन लोहे को गलाने के लिए लगभग दो टन कोयला और एक टन लाइमस्टोन की ज़रूरत होती है। अधिकतर लाइमस्टोन कोयले की खानों के समीप ही मिलता है। इस कारण कोयला उत्पन्न करने वाले प्रदेशों में यह धंधा अधिकतर स्थापित किया जाता है। भारतवर्ष में ताता का स्टील का कारखाना लोहे की खानों से कोयले की खानों के अधिक समीपं है। कच्चे लोहे से शुद्ध लोहे को निकालने के लिए उसे बड़ी बड़ी. मट्टियों में कोयले और लाइमस्टोन के साथ गलाया जाता है। भट्टी में इन तीनों चीजों को रख देने के उपरान्त तेज़ गरम हवा पहुंचाई जाती है जिससे धातु गलकर बहने लगती है । धातु उसमें मिले हुए पदार्थो से हल्की होती है इस कारण पिघले हुए पदार्थ के ऊपर आ जाती है । अन्य पदार्थों को लाइमस्टोन सोख 'लेता है। यह पिघली हुई धातु भट्टी से नली द्वारा बड़े बड़े रेत के बने हुए स्थानों पर ले जाकर ठंडी कर ली जाती है। यही पिग आयरन कहलाता है। किन्तु इसमें भी कुछ अशुद्धियाँ विशेषकर गंधक, फासफोरस, तथा कार्बन रहता है, इस कारण यह टूट जाता है। पिग आयरन को अधिक कठोर बनाने के लिए उसे राट-आयरन में परिणत करते हैं। राट-बायरन साधारणतः कठोर होता है किन्तु बहुत अधिक कठोर नहीं होता। राट आयरन इतना कठोर नहीं होता कि उससे यन्त्र, जहाज, रेल तथा पुल इत्यादि बनाये जा सकें। पिग आयरन को किसी लम्बी वस्तु से चलाने से राट-आयरन तैयार शेता है क्योंकि इस क्रिया से कार्बन आयरन से निकल जाती है। पिग आयरन से स्पात ( Steel ) बनाने की बहुत सी क्रियायें हैं,