पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/२३४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
२२४
आर्थिक भूगोल

आर्थिक भूगोल एशिया में लोहे और स्टील का धन्धा अभी तक अधिक उन्नति नहीं कर सका । जापान में न तो कोयला ही है और न लोहा ही। जो कुछ लोहा और कोयला है भी वह बहुत घटिया है। प्रारम्भ में तो जापान योरोपीय देशों से लोहा मँगाता था। किन्तु अब कुछ वर्षों से लोहे के कारखाने जापान में भी स्थापित हुए हैं जिनमें मध्यचीन को 'खानों से निकला हुआ लोहा काम में आता है . lon चीन में बहुत उत्तम जाति का लोहा पृथ्वी के गर्भ में भरा पड़ा है। सम्भवतः संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़ कर किसी भी अन्य देश में इतना अधिक लोहा नहीं है । लोहा और कोयला तो चीन में है ही वहां मजदूरी भी बहुत ही सस्ती है । इस कारण भविष्य में यदि चीन का अवसर मिने तो वह संसार का प्रमुख लोहा और स्टील तैयार करने वाला देश बन सकता है। चीन की खनिज सम्पत्ति के ही आकर्षण ने जापान को उस पर श्राक्रमण करने को प्रोत्साहित किया है। चीन में हंकाऊ में आधुनिक ढंग के कारखाने है किन्तु अभी यह धन्धा वहाँ पनपा नही है । भविष्य में चीन में यह धन्धा पनपेगा उसमें तनिक भी सन्देह नहीं । भारतवर्ष में भी यह धन्धा क्रमशः उन्नति कर रहा है। लोहे का धन्धा यद्यपि बहुत उन्नति कर गया है परन्तु अभी तक अधिक तर अच्छी जाति का लोहा ही काम में लाया जाता है। किन्तु संसार में अधिकांश लोहा घटिया है। अभी तक जहां भी लाहे और स्टील का धन्धा केन्द्रित है वह समीपवर्ती प्रदेशों से ही कचा लोहा मंगाते हैं। किन्तु यदि तोहा जलमार्ग से लाया जा सकता हो तो बहुत दूर से भी मैंगाया जाता है ।