पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/२४५

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गौण उधोग-धंधे

गौण उद्योग-धन्धे २३५ लाने तथा उसे गाठों में बाँधने का व्यय नहीं देना पड़ता । (२) इस प्रदेश में भी जल-शक्ति की बहुतायत होने से शक्ति सस्ते दामों पर मिलती है । (३) इन रियासतों को सस्ते मजदूरों की बहुत बड़ी सुविधा है। पौडमाट ( Pied. m nt) के प्रदेश से अधिकांश मजदूर इन कारखानों में काम करने आते हैं। यहाँ मजदूरी संयुक्तराज्य के अन्य प्रदेशों से कम है। यही कारण है कि दक्षिणी रियासतों ने पिछले दिनों में आश्चर्यजनक - उन्नति कर ली है। किन्तु दक्षिणी रियासतों में सब सुविधायें होते हुए भी एक असुविधा है-वहाँ का पानी फिनिशिंग के लिए अनुपयुक्त है। इसी कारण अधिकतर कपड़ा न्यू इंगलैंड में फिनिशिंग के लिये भेजा जाता है किन्तु अब कुये खोदकर तथा पानी को छानकर ब्लीचिंग ( Bleuching) के योग्य बनाया जाता है और फिनिशिंग की क्रिया की जाने लगी है। अधिकतर संयुक्तराज्य अमेरिका में और विशेषकर दक्षिणी रियासतों में मोटा कपड़ा तैयार किया जाता है। ब्रिटेन को तुलना में संयुकराज्य. अमेरिका का कपड़ा बहुत घटिया और मोटा होता है यही कारण है कि संयुक्तराज्य अमेरिका के कारखानों में ब्रिटेन तथा अन्य देशों की अपेक्षा कहीं अधिक कपास खप जाती है। जापान के सूती कपड़े के पन्धे की उन्नति पिछले चालीस वर्षों में आश्चर्यजनक गति से हुई है । जहाँ १९०७ में जापान जापान का सूती के कारखानों में केवल १३६० लाख गज कपड़ा तैयार कपड़े का धंधा हुआ वहाँ १६३० में लगभग एक अरब साठ करोड़ गज़ से भी अधिक कपड़े तैयार किये गये। देखते. देखते जापान ने लंकाशायर की प्रतिस्पर्धा में उसके कपड़े के बाजारों को छीन लिया । ऐसा प्रतीत होने लगा कि यदि जापान ने इसी प्रकार उन्नति को तो वह सम्भवतः बहुत आगे बढ़ जायेगा। जापानी सूती कपड़े के धाधे की इस. आश्चर्यजनक उन्नति के ..निम्न- लिखित . कारण हैं :-(१) जलवायु की अनुकूलता, (२) सस्ती जल शक्ति, (३) माल लाने तथा ले जाने की सुविधा, (..) सस्ते और कुशल मजदूर, (५) भारतवर्ष तथा चीन जैसे विशाल महाराष्ट्रों के समीप होने के कारण वहाँ से कपास मँगाने तथा उन देशों के बाजारों में कपड़ा बेंचने की सुविधा, (६) राज्य का प्रोत्साहन तथा संरक्षण, (७) धन्धे की व्यवस्था और संगठन. अन्य देशों को अपेक्षा कहीं अच्छा होना, (८) मशीनों का रा उपयोग करना। 9