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आर्थिक भूगोल

.. .. 6 २६० आर्थिक भूगोल यद्यपि रेल और मोटर बस के कारण पशुओं का माल ले जाने में कम उपयोग होने लगा है, फिर भी पशु एक महत्त्वपूर्ण पशु साधन है किन्तु एक ही पशु सब स्थानों पर काम, नहीं दे सकता । भिन्न प्रदेशों में भिन्न . पशुओं का उपयोग होता है। घोड़ा अच्छा भोजन, चाहता है और अच्छे जलवायु में ही रह सकता- है। इस कारण उसका उपयोग अधिकतर मैदानों में ही घोड़ा होता है। पीठ पर लाद कर घोड़ा ३० पौंडाबोझ आसानी से ले जा सकता है। किन्तु गाड़ी में जुत कर घोड़ा,एक टन बोझ ६ से मील प्रति घंटा, ले जा सकता है. कुछ घोड़े इससे भी अधिक.बोझ खींच सकते हैं। गदहा और खच्चर सूखी घास और खराब चारे पर भी निर्वाह कर सकते हैं, ये घोड़े से अधिक कठोर होते हैं। इस कारण गदहा और खच्चर इनका उपयोग - शुष्क प्रदेशों, तथा पहाड़ी प्रदेशो में होता है । खच्चर साधारण घोड़े के बराबर ही बीमा पीठ पर लादकर (३०० पौंड.) तथा खींच कर (१.टन.) ले जा सकता हैं। गदहा खच्चर से कुछ ही कम बोझा लाद और खींच कर ले जा सकता है। बैल ,घोड़े से धीरे चलने वाला है। यह अधिकतर.ऊष्ण कटिबंध तथा शीतोष्ण कटिबंध के गरम भागों में बोझा ढोने का काम करता है। पीठ पर लाद कर यह १५० पौंडबोम ले जा सकता है तथा खींच कर २००० पौंड ले जाता है। ऊँट रेगिस्तान का जहाज है। ऊँट १० दिन तक बिना पानी और चारे के रह सकता है । रेगिस्तान की सूखी घास तथा अन्य ऊँट. चारे पर निर्वाह कर सकता है। इस कारण रेगिस्तानों में बोमा ढोने का कार्य ऊँट ही करते हैं। पीठ पर लाद कंह,४५० पौंड बोझ प्रतिदिन १५ से २० मील ले जा सकता है । खींच कर १२९० पौंड वोम प्रति घंटा २ से ३ मील तक ले जा सकता है। महायो-को बहुत अधिक चारे की आवश्यकता पड़ती है। इसका उपयोग 113F ME-fi अधिकतर पहाडी तथा नम प्रदेश में होता है । बर्मा IITE हाथो तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के जंगलों तथा टिन की खानों । के प्रदेश में इसका उपयोग होता है । हाथों बहुत शक्ति .