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आर्थिक भूगोल

प्राधिक भूगोल २२. ही उस मार्ग के समीपवर्तीय देशों में कोयला उत्पन्न होता है। इस कारणं इसमें कोयना मिलने में कठिनाई नहीं होती और कोयला सस्ता मिलता है। इसके विपरीत पनामा के मार्ग में कोलिंग स्टेशनों का अभाव है। बीच में टापू नहीं है और जिन प्रदेशों में से होकर पनामा का मार्ग जाता है। उनमें कोयला कम है किन्तु तेल बहुत मिलता है। स्वेज़ मार्ग अत्यन्त घने श्राबाद देशों को छूता हुधा जाता है इस कारण इस मार्ग पर व्यापार अधिक होता है। पनामा का मार्ग पहाड़ी रेगिस्तानी और निर्धन देशों को छूता हुआ जाता है इस कारण उस पर इतना अधिक व्यापार नहीं होता। स्वेज नहर मैदान में से होकर निकाली गई है इस कारण उसमें द्वार ( Locks ) नहीं है। उसके बनाने में व्यय कम हुआ है परन्तु पनामा ऊबड़ खाबड़ पहाड़ी भूमि में खादी गई है, इस कारण उसके बनाने में व्यय भी अधिक हुआ है और उसमें दार ( Locks ) भी है। परन्तु पनामा नहर स्वेज़ से अधिक गहरी है और उसमें स्वेज़ की तरह जहाजों को खड़े रहकर प्रतीक्षा नहीं करनी पड़तो । इसके अतिरिक्त स्वेज़ में जहाजों से पनामा की अपेक्षा व्योढ़ी चुंगी ली जाती हैं। सूनहर (Soo सू-नहर संसार में सबसे बड़ी जहाज़ी नहर है। यह नहर सुपीरियर झील तथा रन झील के मध्य में सेंट-मैरी नदी के प्रपात को बचाने के लिए बनाई गई है। यह नदी एक Canal ) साथ २० फीट की ऊँचाई से गिरती है। इस कारण इसका उपयोग जहाज नहीं कर सकते थे। अतएव सू नहर के द्वारा इस जल-प्रपात को बचा दिया गया है। सू नहर उत्तरीय अमेरिका के व्यापर के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस नहर का महत्व तो इसी से ज्ञात धोता है कि सू नहर से जाने वाला माल स्वेज़ और पनामा से निकलने वाले माल का लगभग ४ गुना होता है। सू-नहर के अतिरिक्त अन्य मालों को भी जोड़ने वाली नहरें बनाई गई हैं जिनके द्वारा सेंट-लारेंस नदी के जल-प्रपातों को बचा दिया गया है । बास्टिक समुद्र में जटलैंड (Jutinnd) का प्रायद्वीप बाहर को निकला हुआ है। यल्व जटलैंड का चक्कर लगाकर बाल्टिक समुद्र में जाने से ६०० मील का अधिक फासला तय (Kiel Canal) करना पड़ता है। फिर चट्टानों इत्यादि के कारण यह यात्रा अत्यन्त खतरनाक भी है इस कारण कील नहर कील नहर .