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आर्थिक भूगोल

(३) आधुनिकतम बढ़िया यंत्रों तथा श्रम की बचत करने वाले यंत्रों का उपयोग (४) बाहर से आने वाले कागज़ पर भारी कर (५) देश में बढ़ती हुई कागज़ की मांग। यही कारण है कि जापान में कागज बनाने के आधुनिक ढग के बहुत से कारखाने स्थापित हो गए और यह धंधा पनप उठा। रसायनिक धंधा :-जापान में रसायनिक (Chemical ) धंधा भी पिछले दिनों में बहुत उन्नति कर गया है। संसार में जितना प्राकृतिक कपूर तथा मैन्थल कपूर तैयार होता है वह सारा का सारा जापान में तैयार होता है। जापान का इस धंधे पर एकाधिपत्य है । इसके अतिरिक्त वहाँ कोलतार, गंधक का तेजाब, श्राइयोडीन ( lodine ) पोटेशियम . आयोडायड (Potassium Iodide) तथा रसायनिक खादें (Fertilisers) मुख्य हैं। जापान का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र टोकियो से नागासाकी तक फैला । यह क्षेत्र बहुत अधिक धना श्राबाद है और मुख्य धंधे इती क्षेत्र में केन्द्रित है : इस प्रमुख श्रौद्योगिक क्षेत्र के उत्तर में रेशम का धंधा विशेष रूप से केन्द्रित है। जापान का विदेशी व्यापार विशेषतः चीन, भारत तथा संयुक्तराज्य अमेरिका से होता है। जागन के मुख्य बंदरगाह याकोहामा, कोव, ओसाका. तथा नागासाकी है। जापान पिछले ४० वों में दो ओर विशेष प्रयत्नशील था। एक तो अपने उद्योग धंधों की तेजी से उन्नति करना दुसरे अपने साम्राज्य को बढ़ाना । जापानी राज्य शक्ति पिछले वर्षों में उद्योग-धंधों को प्रोत्साहन देने तथा चीन महाराष्ट्र को हड़ा जाने में प्रयत्नशील रही । इसका मुख्य कारण यह था जापान की जनसंख्या बढ़ रही थी उसको काम देने के लिए प्रौद्योगिक उन्नति की आवश्यकता थी परन्तु खनिन पदार्थों तथा कच्चे माल की कमी के कारण तथा तैयार माल के लिए एशियाई बाजारों पर एकाधिपत्य जमा लेने के उद्देश्य से जापान ने पूर्वीय एशिया को अपने प्रभुत्व में लाने का प्रयत्न करना प्रारम्भ कर दिया। पिछले वर्षों में जापान का जो भयंकर साम्राज्यवादी स्वरूप हमारे सामने आया उसका कारण यही था। किन्तु दूसरे महायुद्ध । १६३६.४५) में पराजित हो जाने के फलस्वरूप तथा नगरों के बम्ब वर्षा से ध्वंस हो जाने के कारण जापान के धंधों को बहुत हानि पहुँची है।