पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/३२९

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आर्थिक भूगोल

३२० आर्थिक भूगोल पड़ती है । अधिकांश प्रदेश पहाड़ी है । और खनिज पदार्थ यहाँ नहीं पाये जाते । इस कारण औद्योगिक उन्नति की दृष्टि से यह भाग अधिक उन्नति नहीं कर सका । हाँ जल विद्युत् उत्पन्न करने की इस भाग में अधिक सुविधा है । इस कारण कुछ उद्योग-धंधे यहाँ पनप गए हैं ( विशेषकर इटली में ) अनाज और फलों की खेती ही यहाँ का मख्य धंधा है। पूर्वी भाग में बहुत उपजाऊ प्रदेश हैं जिनमें गेहूँ तथा अन्य अनाज बहुतायत से उत्पन्न होते हैं । उत्तर में बहुमूल्य वन हैं जिनसे कीमती लकड़ी मिलती है। यद्यपि तेल के अतिरिक्त अन्य खनिज पदार्थ इस भाग में नहीं है फिर भी कहीं कहीं उद्योग-धंधों की उन्नति हुई है। वास्तव में योरोप का व्यागरिक महत्त्व बहुत अधिक है। औद्योगिक क्रान्ति के उपरान्त योरोप ने बहुत तेजी से औद्योगिक उन्नति की । इन कार- खानों को उत्पत्ति इतनी अधिक बढ़ी कि उसकी खपत के लिए उपनिवेश और आधीन देशों की आवश्यकता पड़ी। इसी प्रकार साम्राज्यवाद ( Imperialism ) का प्रादुर्भाव हुआ। उन्नीसवीं शताब्दी तथा बोसवीं शताब्दी के प्रारम्भ तक योरोप का हिस्सा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में बहुत अधिक था किन्तु अब क्रमशः उसका महत्त्व धीरे धीरे कम हो रहा है, क्योंकि योरोप के बाहर भी देश औद्योगिक उन्नति कर रहे हैं। ब्रिटिश द्वीप समूह वास्तव में योरोप की पश्चिमीय सीमा है । इस छोटे से देश के धरातल की बनावट इतनी भिन्न है कि ब्रिटिश द्वीप उसको देखकर आश्चर्य होता है। इस भिन्नता का समूह कारण यह है कि यह द्वीप समूह किसी समय योरोप से जुड़ा होने के कारण भिन्न भिन्न प्रकार की धरातलों का सम्मिलित प्रदेश था । यही कारण है कि नार्वे की चट्टान स्काटलैंड में तथा बैलजियम की चष्टाने डेवन ( D:von ) और कानवाल (Cornwall ) में दिखलाई देती है। स्काटलैंड, इङ्गलैंड तथा वेल्स के अतिरिक्त लगभग ५००० छोटे छोटे द्वीप भी इस समूह में सम्मिलित हैं। १-ब्रिटेन का जलवायु न तो अत्याधिक ठंढा है और न यहाँ अधिक गरमी ही पड़ती है। अतएव खेती में कोई रुकावट ब्रिटेन के औद्यो- नहीं होती और इतना बर्फ ही पड़ता है कि गमना- गिक और धनी गमन के साधनों में रुकावट हो । मनुष्यों में खूब स्फूर्ति रहती है और अधिक ठंड या अधिक गरमी न होने के कारण कारण खेतों और कारखानों में खूब काम होता है। राष्ट्र होने के