पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/३४०

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मुख्य व्यापारिक देश

मुख्य व्यापारिक देश कारण वहीं ऊन भी उपलब्ध है। वहाँ जल शक्ति की भी सुविधा थी, किन्तु अब तो कोयला ही उपयोग में लाया जाता है। यह प्रदेश समुद्रतट के समीप है। इन्हीं कारणों से ऊनी धंधा यहाँ केन्द्रित हो गया। वेस्ट राइडिंग श्राव यार्कशायर ( West Riding of Yorkshire ) जहाँ कोयला बहुतायत से मिलता है। इस धंधे का केन्द्र है। लीडस, इडर्सफोल्ड, हैलीफैक्स और ब्रैडफोर्ड मुख्य केन्द्र हैं। स्थानीय ऊन यथेष्ट नहीं होता इस कारण आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैयड, भारत, अरजैनटाइन और यूरग्वे से ऊन मंगाया जाता है। निटेन का बना हुआ ऊनी कपड़ा मुख्यत: जरमनी, जापान, स्वीडन, नारखे, रूस, डेनमार्क, इटली, स्पेन, और संयुक्त राज्य अमेरिका को जाता है। इनके अतिरिक्त रसायनिक धधे, शीशे का सामान, नकली रेशम, जूट, चमड़ा का धंधा भी ब्रिटेन में महत्वपूर्ण है । रसायनिक धंधा तथा शीशे का धंधा लैनार्कशायर और चैशायर में केन्द्रित है। मिटलैपड के नगर चमड़े के धंधे के लिए महत्वपूर्ण हैं। जूट का धंधा डंडी ( Dundee ) में . . केन्द्रित था । ब्रिटेन संसार में वैदेशिक व्यापार की दृष्टि से संयुक्तराज्य अमेरिका के उपरान्त दूसरे स्थान पर है। ब्रिटेन से बाहर जाने ब्रिटेन का विदेशी वाले माल का ८० प्रतिशत पक्का माल होता है। व्यापार केवल कोयला ही ब्रिटेन का मुख्य पदार्थ है जो तैयार माल नहीं है और बाहर भेजा जाता है। ब्रिटेन का निर्यात मुख्यतः लोहे का सामान, ऊनी वस्त्र, सूती वस्त्र, रसायनिक पदार्थ, कागज, मशीने, चमड़े का सामान, तम्बाक्, जूटे, शस्त्र इत्यादि हैं। बाहर से आने वाली वस्तुओं को हम तीन श्रोणियों में बांट सकते हैं। गेहूँ, गेहूँ का आटा, मक्का, श्रोट, दाल, चावल, जौ, रई, दूध की वस्तुएँ मक्खन इत्यादि, मछली मांस, फल, शक्कर, १. भोज्य पदार्थ मसाले, चाय, कहवा, कोकोश्रा, शराब, तम्बाकू, तथा सब्जी । भोज्य पदार्थ ब्रिटेन के आयात व्यापार में अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। कयास, ऊन, सन, जूट, रेशम, हैम, रखर, फर, लकड़ी, तिलहन, पैट्रोलियम, खालें, हाथीदांत, चमड़ा कमाने के पदार्थ, २. कच्चा माल कच्चा लोहा, तांबा, सीसा, मैंगनीज जिंक, टिन, सोना चादी इत्यादि। .