पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/३५६

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मुख्य व्यापारिक देश

मुख्य व्यापारिक देश अधिक पड़ता है जनवरी का तापक्रम ४०० फै० से ५०० फै० तक रहता है और गरमियों में तापक्रम ७५° फै० तक पहुंच जाता है। वर्षा अधिकतर जाड़े में होती है । दक्षिण भाग में वर्षा गरमियों में बिलकुल नहीं होती परन्तु उत्तर में जाड़े और गरमी दोनों में ही वर्षा होती है। पाल्पस के पर्वतीय प्रदेश में वर्षा ४० इंच से ५० इंच तक होती है। सारे देश में ३० से ४० इंच का औसत है। यद्यपि इटली पर्वतीय प्रदेश है परन्तु फिर भी यहां की भूमि बहुत उपजाऊ है। देश में ऐसी भूमि बहुत कम है जिस पर पैदावार नहीं हो सकती । इटली में अनाज बहुत उत्पन्न होता है फिर भी बहुत सा अनाज बाहर से मँगाना पड़ता है। यहाँ फलों को पैदावार बहुत होती है। इटली में कुछ उद्योग-धंधे उन्नत अवस्था में हैं किन्तु यह धंधे स्थानीय कच्चे माल पर ही निर्भर रहते हैं। इटली में कोयला और लोहा न होने के कारण औद्योगिक उन्नति अभी तक नहीं हो सकी । यहाँ जलशक्ति बहुत है परन्तु अभी तक जलशक्ति की अधिक उन्नति नहीं हो सकी। इटली में गेहूं और अँगूर बहुत उत्पन्न होता है, येही यहाँ को मुख्य पैदावार हैं। ये दोनों फसले इटनो के एक तिहाई भूमि पर उत्पन्न की जाती हैं। इटली में टस्कैनी को चियांटी ( Chianti)। पीडमांट की असती ( Asti ) और सिसली की मसिला नामक शराब प्रसिद्ध हैं। पो-नदी के प्रदेश में जहाँ सिंचाई की सुविधा है चावल उत्पन्न होता है। गेहूँ के अतिरिक्त मकई भी इटली में अधिक उत्पन्न होती है। दक्षिण प्रायद्वीप तथा आल्पस पर्वतीय प्रदेश की घाटियों में जैतून बहुत उत्पन्न होता है। अनाज तथा खाद्य पदार्थों के अतिरिक्त इटली में रेशम और चुकंदर भी बहुत उत्पन्न होता है। पीड-मांट, लामबार्डी तथा वैनेशिया के प्रदेशों में रेशम के कीड़े बहुत पाले जाते हैं । मिलन रेशम के धंधे का मुख्य केन्द्र है। मैदान में चुकंदर बहुत उत्पन्न होता है और देश की मांग को पूरा करने के लिए शक्कर तैयार की जाती है। सिसली में थोड़ी सी कपास उत्पन्न होती है। इटली में फलों की पैदावार बहुत होती है। अंजीर, बादाम, आलू: बुखारा तथा पिश्ता बहुत अधिक बाहर भेजा जाता है। इनके अतिरिक्त संतरा, नीबू , टमाटर तथा ताज़े साग प्रतिदिन ऐक्सप्रेस ट्रेन से, आस्ट्रिया और जर्मनी को भेजे जाते हैं। उत्तर के मैदानों में दूध और मक्खन का धंधा होता है। भेड़ें पालने का धंधा भी उत्तर में होता है।