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भारतवर्ष की प्रकृति

भारतवर्ष की प्रकृति सागर की मानसून का कुछ अंश नर्बदा की घाटी में होकर अन्दर पहुँचता है और छोटा नागपुर में बंगाल खाड़ी की मानसून से मिलता है। बंगाल की खाड़ी को मानसून अराकान तट से टकराती है और उसके उपरान्त गारो 900 90 835 TEMPERATURE (JULY) OVER 90 Fohr. B0-90 011 70-809. Mean Isotherm asis और खासी की पहाड़ियों के रास्ते अन्दर घुसती है। इन्हीं पहाड़ियों की घाटियों के सामने चेरा-पूंजी का पहाड़ी स्थान है जहाँ की औसत वर्षा ४३० इंच है। इस तंग रास्ते से निकलकर मानसून पश्चिम की ओर हिमालय के साथ बहती है और पंजाब में अरब सागर मानसून की दूसरी शाखा से मिलती है। जैसे जैसे मानसून पश्चिम की ओर बढ़ती ' है वैसे ही वैसे वर्षा कम होती जाती है। हिमालय के समीप वर्षा कुछ अधिक होती है किन्तु अन्दर की तरफ कम हो जाती है। जून के प्रारम्भ में मानसून पश्चिमी घाट के तट पर दिखलाई देती है और जून से लूलाई तक वर्षा अधिक बढ़ती जाती है । अगस्त में मानसून सारे देश पर छा जाती है और अगस्त तक वर्षा एक सी होती है । इसके उपरान्त मानसून निर्बल होने लगती है और वायु अन्दर तक नहीं पहुँचती और क्रमशः