पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४१७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
४०६
आर्थिक भूगोल

बार्षिक भूगोल मयोरभंज राज्य में " गुरुमहिंसानी", ओकामपद, तथा बादाम पहाड़ तीन अत्यन्त महत्वपूर्ण लोहे की खाने हैं। इन खानों का लोहा भी सिंगभूमि तथा उड़ीसा की ही तरह है। अब ताता कम्पनी सबसे अधिक मोहा सिंगभूमि जिले के कोलहन प्रदेश नौश्रामुडी खानों से निकालती है। बंगाल श्रायरन कम्पनी भी कोलहान लौह प्रदेश (सिंगभूमि में ) को 'पानसिरा बुरु' तथा ' "बुदाबुरु" खानों से लोहा निकालती है। ये खाने ato 10 यन० अर० के मनहर-पूर स्टेशन के समीप हैं। ऐसा अनुमान किया जाता है कि " पानसिरा बुरु " की खानों में एक करोड़ टन लोहा है. और "बुदाबुरु" में लगभग १५ करोड़ टन लोहा भरा हुआ है । लोहा हैमिटाइट जाति का है, और कच्चे लोहे में ६४% शुद्ध लोहा है। मैसूर राज्य में भद्रावती के कारखाने में " केमानगुंदी" की खानों से निकला हुश्रा लोहा काम में लाया जाता है। यह खाने भद्रावती से २६ SINGBHUM 13.7 MAURBHANG KEONTHAR MYSORE C.P.

मील दक्षिण में हैं। इन खानों के कच्चं लोहे. में ६४% शुद्ध लोहा है। वैसे मैसूर राज्य में बाबाबुदाना का खानों में बहुत अच्छी जाति का लोह ( हेमेटाइट ) यथेष्ट भरा हुआ है, किन्तु अभी उसका उपयोग नहीं होता । मसूर की खानों में लोहा तीन करोड़ टन से ६ करोड़ टन तक अनुमान 'किया जाता मध्यपान्त में द्रुग जिले में राजहारा . पहाड़ियों में लोहा यथेष्ट है और वह हैमेटाइट ( Hematite ) जाति का है । ऐसा अनुमान. किया जाता है कि यह लगभग ७५ लाख टन लोहा है। सम्भव है कि इससे अधिक भो, हो । चाँदा.ज़िले में लोहारा पहाड़ियों में लोहा पाया जाता है। किन्तु मध्यपान्त को लोहे.की खाने कोयले की खानों से बहुत दूर हैं इस कारण उनका उपयोग नहीं होता है।