पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४२६

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खनिज सम्पति

स्वनिज सम्पत्ति नमक दैनिक उपयोग की वस्तु है। भारतवर्ष में जितना भी नमक तैयार किया जाता है उसके मिलने के तीन साधन हैं । (१) नमक समुद्र का जल (२) नमक की झीलों से (३) नमक की पहाड़ियों से | जितना नमक भारतवर्ष में बनाया जाता है उसका दो तिहाई समुद्र के जल से, पांचवां हिस्सा झीलों से तथा आठवा हिस्सा नमक की पहाड़िमों से निकलता है। BOMBAY & SIND 621,000 TONS MADRAS 500,000 TONS NORTHERN ADIA 471,000 TOM ADEN 3.35,000 TONS BURMA 37000 TONS मारतवर्ष में खाने के काम में आने वाला साधारण नमक हो तैयार किया जाता है क्योंकि इन स्थानों से साधारण नमक ही निकलता है। देश में औद्योगिक नमक बहुत कम निकलता है। केवल संयुक्तप्रान्त तथा बिहार में कुछ नीलाथोपा ( Saltpetre ) निकलता है तण सिंघ और पंजाब में Gypsum पाया जाता है किन्तु उसकी मांग न होने के कारण निकाला नहीं जाता। भारतवर्ष में खाने योग्य साधारण नमक का धंधा आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। इस धंधे पर सरकार का पूर्ण एकाधिपत्य ( Monopoly ) है और प्रति वर्ष इससे भारत सरकार को करोड़ों रुपये की आमदनी होती. है। १९३१ में महात्मा गांधी द्वारा नमक सत्याग्रह किये जाने के कारण यह धंघा राजनैतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो गया है। भारतवर्ष में समुद्र के जल से नमक अधिकतर बम्बई तथा मदरास के तट पर निकाला जाता है। पश्चिमी तट पर सबसे अधिक नमक तैयार किया जाता है। बम्बई प्रान्त सबसे अधिक नमक तैयार करता है। बम्बई में अधिकांश नमक जल को सूर्य की गरमी से सुखा कर बनाया जाता है। खम्भात की खाड़ी के समीप घरसना तथा चहारवादा में सरकारी नमक के कारखाने हैं। इनके अतिरिक्त नमक के अन्य कारखाने बम्बई नगर के चारों ओर स्थापित हैं। नमक के कारखाने ऐसे स्थान पर स्थापित किये जाते है जो कि समुद्र के ज्वार माटे के तल से नीचा हो। ऐसे स्थान के