पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४३१

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आर्थिक भूगोल

99 " . .४२० आर्थिक भूगोल ताबा ०७३ करोड़ रुपये फैरो मैंगनीज ०२८ नीलाथोथा ( Saltpetre) कोमाइन (Chromine) सीसा, तांबा और जिंक यद्यपि थोड़ा मिलता है किन्तु यह नहीं के बराबर है। गंधक भी मिलता है। देश का विस्तार तथा जनसंख्या को देखते हुए यह कहना कठिन है कि देश में खनिज अत्याधिक हैं। हाँ यह अवश्य कहा जा सकता है कि देश खनिज पदार्थों की दृष्टि से निर्धन नहीं है। जहाँ तक खनिज पदार्थों का प्रश्न है ऐसा अनुमान किया जाता. कुछ महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ भारत में यथेष्ट राशि में है और भारत उन्हें विदेशों में भेज सकता है। कुछ ऐसे खनिज पदार्थ हैं जो कि भारत की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं और कुछ ऐसे खनिज पदार्थ भी हैं जिनके लिए भारत को विदेशों पर निर्भर करना होगा। १. वे खनिज पदार्थ जिनको भारत बाहर भेज सकता है। अर्थात् भारत के पास यथेष्ट हैं। लोहा, मैंगनीज, अबरख ( Mica.), बाक्साइट ( Bauxite') जिपसम (Gypsumi) मैंगनेसाइट ( Mangnesite). २. वे खनिज पदार्थ जो भारत की आवश्यकताओं के लिए पर्याप्त है:- कोयला, सीमेंट के लिए आवश्यक पदार्थ, एलूमीनियम, सोना, ताबा, क्रोम, इमारती पत्थर, संगमरमर, स्लेट, औद्योगिक मिट्टिया, सोडियम लवर और शोरा इत्यादि, लाइमस्टोन और डोलोमाइट, शीशे का रेत, बोरैक्स, नाइट्रेट, फासफेट्स, जिरकन (Zircon) पारसेनिक (Arsenic) ऐन्टीमनी ( Antimony ) 764 arut darah ( Vauadium ) ३. वे खनिज पदार्थ जिनके लिए भारत को मुख्यतः विदेशों पर निर्भर रहना होगा। चाँदी, निकल, पैट्रोलियम, गंधक, सीसा ( Lead ) जिंक, टिन, पारा, टंगस्टन, प्लैटिनम ( Platinum ) ग्रेफाइट (Graphite ) अस्फाल्ट- ( Asphalt ) 9781271 भारतवर्ष में कुछ खनिज पदार्थ जैसे मैंगनीज अवरख (Mics) एबोनाइट ( Ebonite) क्रोमाईट ( Chromite) केवल विदेशों को भेजने के लिए निकाले जाते हैं। यदि इसको शीघ्र रोका नही i.