पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४३२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
४२१
खनिज सम्पति

खनिज सम्पत्ति गया तो यह खनिज पदार्थ समाप्त हो जायेंगे। बात यह है कि खजिन , पदार्थ कोई खेती की फसल तो है नहीं जो प्रतिवर्ष उत्पन्न की जा सके और भूमि को खाद इत्यादि देकर पूर्ववत उपजाऊ बनाये रक्खा जा सके। खानों में प्रकृति ने कुछ खनिज पदार्थ भर दिये हैं। उनके समाप्त हो जाने पर फिर मनुष्य के वश के बाहर की बात है कि उनको उत्पन्न कर सके। इस कारण खनिज पदार्थों का उपयोग किफायत के साथ होना चाहिए । उनको बचत करनी चाहिए । उनको व्यर्थ नष्ट होने से बचाना चाहिए। कच्चा खनिज पदार्थ विदेशों को भेजा - जाने से रोक देना चाहिए। अभी तक अंग्रेजी सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती थी किन्तु राष्ट्रीय सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए । नहीं तो हमारे बहुत से मूल्यवान खनिज पदार्थ समाप्त हो जावेंगे और देश की भावी प्रोद्योगिक उन्नति को उससे धक्का पहुँचेगा। अभ्यास के प्रश्न १-भारत की खनिज पदार्थों के सम्बन्ध में कैसी स्थिति है और भारत सरकार की खनिज नीति क्या होनी चाहिए समझा कर लिखिए । २~भारत की लोहे के सम्बन्ध में क्या स्थिति है और लोहा कहाँ कहाँ : मिलता है बतलाइए। -मैंगनीज कहाँ कहाँ निकाला जाता है और इस धन्धे का भविष्य कैसा है ? ४-भारत में नमक की उत्पत्ति पर एक छोटा निबंध लिखिए। ५-सोना और अबरख ( Mica ) कहां निकलता है और भारत की इन धातुओं के सम्बन्ध में क्या स्थिति है स्पष्ट लिखिए ।