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आर्थिक भूगोल

-बाधिक भूगोल पहले प्रकार के कारखानों में निम्नलिखित मुख्य हैं :- भारतवर्ष में सबसे महत्वपूर्ण जलविद्युत् उत्पन्न करने के कारखाने पश्चिमी घाट के समीप स्थित हैं। पश्चिमी घाट पर (१) पश्चिमी घोर वर्षा होती है । उस जल से विद्युत् उत्पन्न करने घाट के कारखाने का विचार भारत के प्रसिद्ध व्यवसायी ताता के मस्तिष्क की उपज थी । ताता ने देखा कि बम्बई की मिलों को बंगाल से कोयला मंगाने में अधिक व्यय करना पड़ता है अतएव उन्होंने ताता हाइड्रो पावर कंपनी स्थापित की । इस योजना के अनुसार लोनावला, वलब्हान, तथा शिवरता नामक तीन बड़ी झीलें बाँध बनाकर तैयार की गई। वर्षा को पानी इन झीलों में इकट्ठा किया जाता है और नहरों के द्वारा लोनावला की मील तक लाया जाता है। यहाँ से पानी पाइप लाइनों द्वारा १५७५ फीट की ऊँचाई से खापोली के शक्ति गृह ( Powenhouse ) के सू इंगलोर मामकोनाम रानापर गिलपेट अगदरास कशिंदसामुंदरम अन्नारपेट मैट्र-भोरापुर वाला परम पांजोरी पायकर सेला कालीकर कोयमवर विपर कास्त "मायादरम त्रिचनापली तिजोर 'पायनी पहा पालनी जिटीगुल मदुग विस्टनगर माता ग्य पावर हाउम •सारंगन तित कारन -बिजली की लाइन 'लं. का पास गिराया जाता है। खापोली के कारखाने में बिजली तैयार होती है। बाद को बिजली की अधिक माँग होने पर कुंडले के समीप एफ मोल और बनाई गई। पब इस कारखाने में लगभग ५०,००० घोड़ों की शक्ति के बराबर