पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४४३

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आर्थिक भूगोल

४३२ आर्षिक भूगोल करने वाले कारण यहाँ उद्योग-धंधों की उन्नति नहीं हो सकता कारखाने थी । जब से इस दक्षिणी -भाग में जल-विद्युत् उत्पन्न होने लगी है तब से मदरास प्रान्त के दक्षिणी माग तथा मैसूर के दक्षिणी प्रदेश में तेजी से उद्योग-धंधे उन्नति कर रहे हैं। मदास के दक्षिण भाग में जल-विद्युत् उत्पन्न करने के लिए बहुत से उपयुक्त स्थान हैं उनमें से कुछ स्थानों को चुन कर . दक्षिण मदरास वहाँ पावर स्टेशन स्थापित किये गए हैं। इनमें प्रान्त के पावर नीलगिरी की पहाड़ियों में स्थित पायकाय विशेष स्टेशन : महत्व पूर्ण है। पायकारा नदी को रोककर जल- -विद्युत् उत्पन्न की जाती है । जब कि यह योजना पूरी तरह से विकसित हो जायेगी तो इस शक्ति गृह से १००,००० घोड़ों की शक्ति के बराबर बिजली उत्पन्न की जा सकेगी। इस समय यहाँ ६५,००० घोड़ों की शक्ति के बराबर बिजली उत्पन्न होती है। पायकारा से उत्पन्न हुई बिजली के कारण तामिल प्रदेश में उद्योग धंधों में जैसे जीवन आ गया है। अनेक छोटे बड़े गांवों, कस्बों और नगरों को बिजली इसी पावर स्टेशन से दी जाती 7.717 क्षेत्रफल जहां मीनी पानी ता 1. पाटंगन बिजली की लाईन भिवर्ग यावा मान लानावना मात्राझीन शिवातील ग्वापानी पार मिलहन झील मंगन, गास्टिानला भिग पावर 2712 निमामला झील पना है। पायकारा को बिजली के कारण इस प्रदेश की आशाजनक आर्थिक उन्नति हुई है । सस्ती बिजली के फल स्वरूप दक्षिण प्रदेश में आश्चर्य-