पृष्ठ:आर्थिक भूगोल.djvu/४८

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पृथ्वी के धरातल की बनावट और मिट्टी

पृथ्वी के धरातल की बनावट और मिट्टी ३५ किसान की सबसे बड़ी पूंजी है और यही पूँजी प्रति वर्ष कटाव के कारण नष्ट होती जाती है। पश्चिमीय देशों में इस बात को जानने का प्रयत्न किया गया है कि प्रति वर्ष भूमि के कटाव से कितनी उपजाऊ मिट्टी नष्ट हो जाती है। संयुक्तराज्य अमेरिका में प्रति वर्ष १५००० लाख टन मिट्टी समुद्र की ओर बहाकर ले जाई जाती है। श्री बुचानन का अनुमान है कि अमेरिका को इससे प्रतिवर्ष दो अरब डालर की हानि होती है। अधिक खोज के उपरान्त संयुक्तराज्य अमेरिका में यह ज्ञात हा कि अमेरिका की भूमि ७५० वर्षों में एक इंच के हिसाब से कम होती जारही है । चीन, मध्य अमेरिका और अफ्रीका का जो आर्थिक पतन हुआ है उसका कारण अत्यधिक भूमि का कटाव ही है । मध्य एशिया में भी बहुत सी उपजाऊ मिट्टी बह बह कर मील में आगई है। भूमि का कटाव या विलयन दो प्रकार से होता है (१) जल के द्वारा (२) हवा के द्वारा । जल द्वारा होने वाला कटाव दो तरह का होता है सतह का कटाव ( Sheet erosion ) और गहरा कटाव ( Gulley erosion ) । सतह के कटाव में बहता हुआ जल धीरे धीरे ऊपरी मिट्टी बहाकर ले जाता है । गहरे कटाव से एक विस्तृत प्रदेश में नाले और खाइयाँ बन जाती हैं। प्रति वर्ष यह नाले और खाइयां बढ़ती ही जाती हैं और कुछ ही वर्षों में यह एक बहुत बड़े क्षेत्र को काट कर नष्ट कर देती हैं। ____पानी द्वारा कटाव नीचे लिखी हुई दशाओं में अधिक होता है (१) यदि मिट्टी ऐसी हो जो पानी को अधिक न सोख सके तो कटाव की सम्भा- वना अधिक होती है। (२) जो मिट्टी ढाल पर होती है उसका कटाव शीघ्र होता है (३) यदि पानी थोड़ा थोड़ा न बरस कर मूसलाधार बरसता है तो कटाव. अधिक होता है। (४) यदि भूमि पर घांस और पौधे अधिक होते हैं तो कटाव कम होता है। अन्यथा अधिक होता है । (५) पहाड़ों के ढालों पर जंगलों को काट कर साफ़ कर देने से भूमि का कटाव बहुत होता है। (६) यदि खेती करने का ढंग अवैज्ञानिक हो तो भी भूमि का कटाव अधिक होता है। तेज़ हवाओं द्वारा रेत तथा धूल के तूफान आते हैं इनसे भी भूमि का नाश होता है। उपजाऊ भूमि रेत से पट जाती है और खेती के लिए बेकार हो जाती है। भूमि को इस प्रकार नष्ट होने से बचाने के लिए प्रत्येक देश में उपाय किये जा रहे हैं उनमें से पहाड़ों पर जंगलों का लगाना, बेबल खेती