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जलवायु तथा प्राकृतिक वनस्पति

जलवायु तथा प्राकृतिक वनस्पति अमेज़न, कांगो, भूमध्य रेखा के समीपवर्ती द्वीपों, पूर्वी तथा पश्चिमी द्वीप समूहों ( East and West Indies ) बर्मा, के दक्षिणी भाग तथा अंडमन और लंका के कुछ भाग में पाई जाती है। भूमध्य रेखा के जलवायु के प्रदेश में आज भी कोई आर्थिक उन्नति नहीं हुई। इस जलवायु में मनुष्य काहिल और पुरुषार्थ हीन हो जाता है उसकी आवश्यकताएँ कम होती हैं। भोजन बिना अधिक परिश्रम के पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है तथा मनुष्य को कपड़ा तथा शरीर रक्षा की अधिक श्रावश्यकता नहीं होती। इस प्रदेश में केला, कठोर लकड़ी, मसाला, रखर, कोकोआ, हाथी दांत तथा रंग वाली लकड़ी ( Dye woods) बहुतायत पाई जाती है । यहाँ के जंगलों में पाई जाने वाली वस्तुओं में नीचे लिखी मुख्य हैं:-मसाला, गटापा , ताड, नारियल, कहवा, कोकाश्रा, सागो, (Sago ) केला, लाख, मैरीबोलन ( Myrobalans ) बहेड़ा इत्यादि, मिन्न प्रकार के गोंद इत्यादि । इस प्रदेश में चिड़ियाँ, कोड़े, साप, बन्दर बहुत मिलते हैं हाथी, चीता, शेर भी बहुत पाये जाते हैं परन्तु फर वाले जानवर बिलकुल नहीं मिलते। ____इस प्राकृतिक प्रदेश में कुछ बहुमूल्य खनिज पदार्थ भी मिलते हैं जैसे टिन मलाया और पूर्वीय द्वीप समूह में, अफाइट मैडेगास्कर तथा लंका में तथा बाक्साइट और मैंगनीज़ गोल्ड कोस्ट में । ____इन प्रदेशों की पार्थिक उन्नति करना कठिन है क्योंकि यहाँ का जलवायु बहुत गरम और नम है । बीमारियाँ यहाँ बहुत अधिक होती हैं । भूमि अधिक उपजाऊ नहीं है, जंगल बहुत घने हैं। पशुओं का यही बहुत कम उपयोग हो सकता है। कांगो बेसिन में वहां के मूल निवासी आलसी, छोटे और कम बुद्धि वाले होते हैं इस कारण वे आर्थिक उन्नति कर ही नहीं सकते। वे लगभग नग्न रहते हैं और भूत-प्रेतों में विश्वास करते हैं और आज भी मनुष्य का शिकार करते हैं। वहाँ का जलवायु इतना गरम है कि घने श्राबाद पश्चिमीय राष्ट्रों से लोग वहां आकर नहीं बस सकते । वहाँ की नमी के कारण तथा सघन वनों के कारण अच्छी सड़कें तथा रेल बनाना कठिन है। नदियों द्वारा ही आना जाना होता है। फिर भी पूर्वीय द्वीप समूह में व्यापार तथा धन्धों की उन्नति हुई है क्योंकि उनकी स्थिति अच्छी है और वे रखर तथा गन्ना बहुत उत्पन्न करते हैं। यह जलवायु विषुवत रेखा के कटिबन्ध के दोनों ओर ३५० तक पाई