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आर्थिक भूगोल

आर्थिक भूगोल ओक ( Oak ) यम ( EIm) वालनट ( Walnut) मैपिल ( Maple ) चेस्टनट (Chestnut) बीच, (Beech) पापलर (Poplar) .ऐश (Ash) इन वनों की लकड़ी इमारत तथा फर्नीचर के काम अधिक श्राती है। पतझड़ वाले वनों की लकड़ी नरम नहीं होती वरन कठोर होती है । यह वन . उपजाऊ भूमि पर खड़े हुए हैं इस कारण पूर्व काल में इनको साफ करके भूमि पर खेता करने का क्रम लगातार जारी रहा अब किन्तु योरोपीय देशों की सरकारें इनकी सतर्कतापूर्वक रक्षा करती हैं। ऊष्ण कटिबन्ध के सदा हरे रहने वाले वन मुख्यतः दक्षिणी अमेरिका, मध्य अमेरिका, अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया तथा ऊष्ण कटिवन्धीय पूर्वीय द्वीप समूह (East Indies) में पाये जाते हैं। : के सदा हरे रहने इन वनों में देवदारु (Teak) मैहे।गनी (Mahogany).. वाले धन (Tro- और बाँस अधिक पाया जाता है । लकड़ी की अपेक्षा picul forest) ये वन लाख, गोंद, भिर -भिन्न प्रकार की प्रौद्योगिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण घासों, तथा रंग पैदा करने वाली वस्तुओं को अधिक उत्पन्न करते हैं। ये वस्तुयें वनों से आसानी से इकट्ठी की जा सकती हैं क्योंकि मागों की सुविधा न होने पर भी इनके इकट्ठा करने में कठिनाई नहीं होती। यद्यपि ऊष्ण कटिबन्ध के वनों का विस्तार बहुत अधिक है परन्तु व्यापारिक दृष्टि से उनका महत्त्व बहुत कम है। व्यापारिक दृष्टि से कानीफेरस (Coniferous ) वन सबमें अधिक महत्त्वपूर्ण है क्योंकि कागज बनाने के निए लकड़ी इन्हीं वनों से मिलती है। वनों से मिलने वाले पदार्थों का ८० प्रतिशत इन जंगलों से मिलता है । पतझड़ वाले वनों से केवल फर्नीचर के निए लकड़ी मिलती है। ये वन सब वनों से मिलने वाली लकड़ी का लगभग १८ प्रतिशत उत्पन्न करते हैं और कृष्ण कटिबन्ध के वन केवल २%प्रतिशत लकड़ी उत्पन्न करते हैं। भिन्न भिन्न वृक्षों की लकड़ी जिनका व्यापारिक दृष्टि से अधिक महत्व है निम्नलिखित हैं। पाइन ( Pine ) फर (Fir ) हैमलाक ( Hemlock) स्प्रस, Sounces साइप्रैस, लाल लकड़ी (Red.rood ) सीडार नरम लकड़ियां (Cedar) लार्च (Larch) टेमारक (Tamarack)